जानकारी के अनुसार 29 नवम्बर से ट्रायल शुरू हो जाएगी। सीबीआई प्रयास करेगी कि जिन 26 गवाहों की उसने सूची जारी की है उनकी जल्द से जल्द गवाही करा दे। पहली गवाह सूची में सोहराबुद्दिन के भाई रुबाबुद्दीन और नयाबुद्दीन को भी शामिल किया गया है। खास बात है कि इस मामले में अब तक बीजेपी के रसूखदार नेता और सभी आईपीएस अधिकारी और व्यापारी बरी हो चुके थे। सिर्फ आईपीएस विपुल अग्रवाल सहित मामले में 23 पुलिस कर्मी बचे थे जिन पर चार्ज फ्रेम होने थे। गत दिनों विपुल अग्रवाल की डिस्चार्ज याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की और उनके चार्ज फ्रेम और ट्रायल चलाने पर स्टे दे दिया। जबकि इनकी डिस्चार्ज एप्लिकेशन से पहले 11 पुलिस कर्मियों की डिस्चार्ज एप्लिकेशन लंबे समय से पेंडिंग चल रही है। इनमे कुछ मामले से बरी हो चुके हैं और कुछ अब ट्रायल का सामना करने को मजबूर है।
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केस का फायदा उठाने वाले बरी हो गए, अधीनस्थ ट्रायल का सामना करने को मजबूर
मामले में चार्ज फ्रेम और ट्रायल का सामना कर रहे 22 पुलिस कर्मियों में अधिकतर कांस्टेबल रैंक के हैं। इनकी स्थिति इतनी भी नहीं है कि अपने लिए कोर्ट में एक अच्छा वकील खड़ा कर सके। वही केस के नाम पर कद, पद और पैसा बनाने वाले रसूखदार राजनेता और इनके राजदार पुलिस अफसर चार्जशीट में मुख्य आरोपी बनाये जाने के बावजूद बरी हो चुके है।
केस का फायदा उठाने वाले बरी हो गए, अधीनस्थ ट्रायल का सामना करने को मजबूर
मामले में चार्ज फ्रेम और ट्रायल का सामना कर रहे 22 पुलिस कर्मियों में अधिकतर कांस्टेबल रैंक के हैं। इनकी स्थिति इतनी भी नहीं है कि अपने लिए कोर्ट में एक अच्छा वकील खड़ा कर सके। वही केस के नाम पर कद, पद और पैसा बनाने वाले रसूखदार राजनेता और इनके राजदार पुलिस अफसर चार्जशीट में मुख्य आरोपी बनाये जाने के बावजूद बरी हो चुके है।