विभाग प्रमुखों से मांगी जानकारी
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्देश के अनुसार सभी विभाग प्रमुखों को पत्र भेजकर दर्जा देने योग्य असिस्टेंट व एसोसिएट प्रोफेसर की सूची मांगी है। एमसीआई की गाइडलाइन के लागू किए जाने से मेडिकल कॉलेज के टीचर्स को बिना किसी सुविधा के पदोन्नत दर्शाकर असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर बना दिया जाएगा। इस नियम के तहत 70 असिस्टेंट प्रोफसर को एसोसिएट और 20 एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर का दर्जा मिलेगा। इससे कॉलेज की मान्यता से सम्बंधित कमी दूर हो जाएगी।
इन्हें मिलेगी पदोन्नति
एमसीआई की गाइड लाइन के तहत जो डॉक्टर असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में चार साल काम कर चुके हैं और उनके दो शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं, उन्हें एसोसिएट प्रोफेसर तथा ऐसे एसोसिएट प्रोफेसर जो 3 साल तक कार्य कर चुके हैं व उनके 4 शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं, उन्हें प्रोफेसर बनाया जाएगा।
नए मेडिकल कॉलेजों को भी फायदा
जानकारी के अनुसार प्रदेश में शहडोल, छिंदवाड़ा, दतिया, शिवपुरी, विदिशा एवं रतलाम में शुरू होने वाले मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर की कमी दूर की जाएगी।
वेतन-भत्ते में परिवर्तन नहीं
एमसीआई की गाइड लाइन के तहत जिन मेडिकल टीचर्स को पदोन्नति का दर्जा दिया जाएगा, उन्हें वेतन वृद्धि व भत्तों का लाभ नहीं मिलेगा।
टीचर्स को सम्मान तो मिलेगा
मेडिकल कॉलेज टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. बीके गुहा के अनुसार सरकार मेडिकल कॉलेजों में पदोन्ननति नहीं कर सकती तो वरिष्ठता के आधार पर प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर का दर्जा दने का निर्णय अच्छा है। वरिष्ठता के आधार पर टीचर्स को सम्मान मिलेगा।
शासन से लिखित आदेश नहीं है
एनएससीबी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना के अनुसार एमसीआई की गाइड लाइन के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर को एसोसिएट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर का दर्जा देने सम्बन्धी जानकारी तैयार की जा रही है। इस सम्बंध में भोपाल में आयोजित बैठक में आवश्यक दिशा-निर्देश मिले हैं। सभी विभागों से जानकारी मांगी है। अभी शासन से लिखित आदेश नहीं आया है।