
मो. इलियास/उदयपुर. बहुचर्चित सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकाउंटर प्रकरण में गुरुवार को मुंबई में सीबीआई स्पेशल कोर्ट में बयानों के दौरान बारां सीओ व तत्कालीन अम्बामाता थानाधिकारी रणविजय सिंह भावुक हो गए। उन्होंने सीबीआई के कई अफसरों के नाम लेते हुए कहा कि उसे झूठे बयानों के लिए मजबूर किया गया।
धमकाते हुए बयान लिखे
सीओ सिंह ने कोर्ट में कहा कि उनकी जब कोटा में पोस्िटंग थी, तब बेटी की सगाई से 10 दिन पहले सीबीआई अधिकारी वहां आए थे। मुंबई साथ चलने के लिए कहा, आनाकानी की तो गिरफ्तारी की धमकी दी। मुंबई में गिरफ्तारी फर्द बनाकर धमकाते हुए बयान लिखे। उसके बाद सीबीआई कार्यालय जिस भवन में था, उसी भवन में स्थित संबंधित कोर्ट में बयान करवाए। सिंह ने कोर्ट में बताया कि वह तुलसी ? प्रजापति की गिरफ्तार वाली टीम में शामिल थे। उन्होंने बयान में कहा कि उसने गुजरात के तत्कालीन डीजीपी डीजी बंजारा को कभी नहीं देखा, जबकि सीबीआई को सिंह ने पूर्व बयान में दिया था डीजी बंजारा जब उदयपुर आए थे तो सिंह उन्हें जग मंदिर घूमाने ले गए थे, वहां पर तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, भाजपा नेता ओम माथुर भी मिले थे।
आजम को चोरी में किया था गिरफ्तार
वर्ष 2006 में अम्बामाता थानाधिकारी था तो दौलतसिंह एएसआई ने मुझे बताया कि वाहन चोरी में गिरफ्तार पुनीतसिंह से पूछताछ में पता चला कि हमीद लाला केस में जेल में बंद आजम खां स्कूटर चोरी की वारदात में शामिल है। दौलतङ्क्षसह को आजम को गिरफ्तार करने के लिए कहा था। सूचना पर उससे नम्बर प्लेट बरामद हुई थी तथा बाद में चालान पेश हुआ। सीबीआई ने लिखा कि एसपी दिनेश एमएन के कहने पर तुलसी से अलग करने के लिए आजम को गिरफ्तार किया। उसके बाद पहली बार तुलसी अकेला अहमदाबाद गया। यह तथ्य सही नहीं है।
तुलसी की गिरफ्तारी में विरोधाभास
ङ्क्षसह ने कहा कि तुलसी को 29 नवम्बर 2005 को भीलवाड़ा से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार से पूर्व तत्कालीन सीओ सुधीर जोशी ने दोपहर 12 बजे उसे हाथीपोल थाना परिसर में स्थित कार्यालय बुलाया था। वहां हाथीपोल थानाधिकारी भंवरसिंह हाड़ा भी थे। सीओ जोशी ने बताया कि हमीद लाल हत्याकांड में शामिल तुलसी प्रजापति भीलवाड़ा में समीर के नाम से आजादनगर में कोमल झा व चंदन झा के मकान में रहा है। एसपी दिनेश एमएन के बाहर होने से उसकी गिरफ्तारी के लिए एएसपी बालमुकुंद वर्मा से स्वीकृति ले ली है। उसी दिन हाथीपोल थाने के रोजनामचे में रपट डालकर भीलवाड़ा रवाना हुए और उसे गिरफ्तार किया। रात 10 बजे उसे उदयपुर लेकर आए। जबकि सीबीआई ने पूर्व में बयानों में लिखा कि सीआई अब्दुल रहमान ने सीओ को अहमदाबाद से सूचना दी कि तुलसी भीलवाड़ा में है। उसकी वहां गिरफ्तारी के बाद एसपी के आदेश पर उसे दो-तीन दिन पटके रखा और सूचना नहीं दी, जो गलत है।
Published on:
06 Apr 2018 02:42 pm
बड़ी खबरें
View Allउदयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
