29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नवरात्र से ठीक पहले पितृ अमावस्या पर लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण

भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए सूतक नहीं होगा मान्य, ये कंकणाकार सूर्य ग्रहण होगा

less than 1 minute read
Google source verification
SOLAR ECLIPSE---इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 को, कोरोना के मामलों में हो सकती है वृद्धि, सोने के बढ़ेंगे दाम

SOLAR ECLIPSE

पितृपक्ष खत्म होने के साथ ही 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होने वाली है, लेकिन पितृपक्ष के अंतिम दिन और शारदीय नवरात्र से एक दिन पहले साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है। ज्योतिषियों के अनुसार, सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।

6 घंटे 9 मिनट होगी सूर्य ग्रहण की अवधि

पं. जितेंद्र त्रिवेदी के अनुसार सूर्य ग्रहण के दिन पितृपक्ष अमवास्या या सर्वपितृ अमावस्या है। ये ग्रहण मुख्य रूप से अमरीका में नजर आएगा। भारत में नजर नहीं आएगा, इसलिए इसका सूतक काल यहां मान्य नहीं होगा एवं नवरात्र या किसी भी अन्य शुभ कार्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारतीय समयानुसार, सूर्यग्रहण 14 अक्टूबर को रात 8.34 बजे शुरू होकर रात 2.25 बजे खत्म होगा यानी इसकी अवधि 6 घंटे 9 मिनट रहेगी। इस सूर्यग्रहण की खास बात यह है कि ये कंकणाकार सूर्य ग्रहण होगा यानी रिंग्स ऑफ फायर नजर आएगी।

29 अक्टूबर को अंतिम चंद्र ग्रहण

वहीं अंतिम चंद्र ग्रहण भी इसी माह के आखिर में लगेगा। चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर रात 1.06 बजे शुरू होगा और सुबह 2.22 बजे खत्म हो जाएगा। भारत में ग्रहण की अवधि 1 घंटा 16 मिनट होगी। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा और इसका सूतक काल मान्य होगा। ज्योतिषियाें के अनुसार, चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू होता है तो ऐसे में सूतक काल में पूजा-पाठ व अन्य मांगलिक कार्य नहीं किए जाते।