
लापरवाही की हद: कागज में खुल रहा है उप परिवहन कार्यालय!
उदयपुर/ सलूम्बर. कहने को प्रादेशिक परिवहन कार्यालय उदयपुर के अधीन सलूम्बर में आम लोगों की सुविधा के लिए उप परिवहन कार्यालय खुला हुआ है, लेकिन सच किसी से छिपा नहीं है कि ये कार्यालय केवल दस्तावेज में चल रहा है। जिले में दूसरे क्रम के उपखण्ड व नगर पालिका क्षेत्र में वर्तमान में पर्याप्त संख्या में चौपहिया वाहनों की डीलरशिप है तो दुपहिया वाहनों के शोरूम की भी कमी नहीं। वाहनों की संख्या के अलावा चालकों की भी संख्या भी निरंतर बढ़ रही है।
जिला परिवहन कार्यालय की उठी मांग के बीच सरकार एवं विभाग के ओहदेदारों ने क्षेत्र में उप परिवहन कार्यालय खोला था। ताकि क्षेत्र के लोगों को मामूली कामकाज के लिए 80 से 100 किलोमीटर की दूरी तय नहीं करने पड़े। लेकिन, विभागीय जिम्मेदारों की अनदेखी से सलूम्बर उप परिवहन कार्यालय के दो साल से (हर बुधवार को) ताले ही नहीं खुल रहे। बंद पड़ा ये कार्यालय भवन भी समय के साथ में जर्जर हो रहा है। दूसरी ओर मजबूरी के बीच क्षेत्रीय वाहन चालकों को छोटी-मोटी समस्याओं के लिए उदयपुर मुख्यालय पहुंचकर समय और धन दोनों की बर्बादी करनी पड़ रही है।
नहीं बैठा डीटीओ
उप परिवहन कार्यालय पर लाइसेंस की बढ़ती भीड़ को देखते हुए सलूंबर क्षेत्रवासियों ने 2014 में जिला परिवहन कार्यालय की मांग की थी। लोगों के आंदोलन के बीच विधायक अमृतलाल मीणा ने फरवरी 2014 में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पत्र लिखकर जिला परिवहन कार्यालय की आवश्कता जताई। तत्कालीन मुख्यमंत्री राजे ने मार्च २०१४ को शासन सचिव को सलूम्बर में परिवहन कार्यालय की आवश्यकता को लेकर परीक्षण के निर्देश दिए थे। लेकिन, उच्चाधिकारियों की शिथिलता से मामला बिगड़ गया। वहीं दो साल से उप परिवहन कार्यालय के भी प्रत्येक बुधवार को खोले जाने के कायदे दस्तावेजों में पूरे हो रहे हैं।
लाइसेंस तो बनते थे
करीब दो साल पहले तक उपपरिवहन कार्यालय में लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी की जाती थी, लेकिन अब तो हमेशा ताला ही लटका मिलता है।
प्रहलाद पटेल, नगरवासी, सलूम्बर
हो गई मजबूरी
एक सप्ताह में एक दिन तो उप परिवहन कार्यालय पहले खुला मिलता था। अब तो हर काम के लिए उदयपुर चक्कर काटने होते हैं। धन और समय दोनों की बर्बादी है।
रामभरोसे पुरोहित, अधिवक्ता, सलूम्बर
एक दिन का कार्यालय
उप परिवहन कार्यालय सप्ताह में एक दिन यानी हर बुधवार को खुलता है। एक निरीक्षक व एक लिपिक हर बुधवार को कार्यालय पहुंचते हैं। लर्निंग लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
मन्नालाल रावत, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी
Published on:
06 Jul 2019 12:01 am
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