
- सरकार के आदेशों से उपचार तो मिलेगा, लेकिन तय राशि चुकानी होगी
भुवनेश पंड्या
उदयपुर. सरकार ने हाल में आदेश जारी किए है जिस हॉस्पिटल में 80 से अधिक पलंग है, वहां पर 30 प्रतिशत पलंग कोरोना मरीजों के लिए रखने अनिवार्य है, ऐसे में लोगों को उपचार तो मिल जाएगा, लेकिन उनकी जेबे खाली होगी। उन्हें यहां सरकारी हॉस्पिटलों की तरह मुफ्त में उपचार नहीं मिलेगा। हाल में चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा के निर्देश पर प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने ये आदेश जारी किए हैं।
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ये है आदेशप्रदेश में कोविड 19 से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए राजकीय चिकित्सालयों के साथ ही आमजन को कोविड 19 का सहज, सुलभ उपचार उपलब्ध करवाने के लिए जयपुर, जोधपुर और कोटा व उदयपुर जिला मुख्यालय पर स्थिति ऐसे निजी अस्पताल जिनकी बैड क्षमता 80 या इससे अधिक है, और अजमेर व बीकानेर जिला मुख्यालय पर स्थिति ऐसे निजी अस्पताल जिनकी बैड क्षमता 60 या इससे अधिक है, जिनके द्वारा वर्तमान में कोविड 19 से संक्रमित मरीजों का उपचार नहीं किया जा रहा है। उन्हें ये निर्देश दिए गए है कि उनके अस्पताल में 30 प्रतिशत पलंग का उपयोग कोविड-19 संक्रमितों के लिए किया जाना अनिवार्य है। कोविड -19 प्रोटोकोल के अनुसार आईपीसी की पालना करते हुए अस्तपाल में परिसर में अलग से विंग में किया जाना है।
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अधिकांश निजी हॉस्टिपलों में है कोरोना के मरीज ंउदयपुर में वर्तमान में सभी निजी हॉस्पिटलों में मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। इसमें जीबीएच बेडवास जनरल, पिम्स जीएमसीएच, पीएमसीएच, पारस, जीबीएच सिटी में मरीज उपचाररत है। हालांकि इसके अलावा भी कई निजी हॉस्पिटल है, जहां मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है, चिकित्सा विभाग उनके लिए जल्द पत्र जारी करेगा।
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मरीजों को अनिवार्य रूप से 30 प्रतिशत पलंग देने होंगे। हालांकि जो मरीज निजी हॉस्पिटल में उपचार करवाएंगे, उन्हें सरकार की ओर से तय राशि चुकानी होगी। जो निजी हॉस्पिटल भर्ती नहीं करेंगे उन्हें पत्र जारी किया जाएगा, साथ ही कोई भी निजी हॉस्पिटल जो इन नियमों में आता है, वह किसी भी मरीज को उपचार के लिए मना नहीं कर सकेगा। उसे तय पलंग मरीजों के लिए रिजर्व रखने ही होंगे। डॉ दिनेश खराड़ी, सीएमएचओ उदयपुर
Published on:
07 Oct 2020 06:02 am
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