scriptराजस्‍थान के फ्लूूूट आर्टिस्‍ट ने द‍िखाया बॉलीवुड में हुनर, बड़े बजट की फ‍िल्‍मों में द‍िया म्‍यूज‍िक | Udaipur Flute Artist Chinmay Gaur Gives Music In Movies | Patrika News

राजस्‍थान के फ्लूूूट आर्टिस्‍ट ने द‍िखाया बॉलीवुड में हुनर, बड़े बजट की फ‍िल्‍मों में द‍िया म्‍यूज‍िक

locationउदयपुरPublished: Nov 19, 2019 06:31:51 pm

Submitted by:

madhulika singh

उदयपुर के चिन्मय गौड़ ने हाल ही बॉलीवुड की बिग बजट फिल्मों में दिया बैकग्राउंड म्यूजिक

राजस्‍थान के फ्लूूूट आर्टिस्‍ट ने द‍िखाया बॉलीवुड में हुनर,  बड़े बजट की फ‍िल्‍मों में द‍िया म्‍यूज‍िक

राजस्‍थान के फ्लूूूट आर्टिस्‍ट ने द‍िखाया बॉलीवुड में हुनर, बड़े बजट की फ‍िल्‍मों में द‍िया म्‍यूज‍िक

मधुलिका सिंह/उदयपुर. शहर के फ्लूट आर्टिस्ट चिन्मय गौड़ ने बहुत ही कम समय में बॉलीवुड में अपनी पहचान बना ली है। चिन्मय ने हाल ही बॉलीवुड की बिग बजट फिल्मों में बैकग्राउंड म्यूजिक दिया है और दोनों ही फिल्में बड़े बैनर की हैं। साथ ही उन्हें इनके माध्यम से दिग्गज संगीतकारों के साथ काम करने का मौका भी मिला है।
उदयपुर आए चिन्मय गौड़ ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि सबसे पहले उन्हें फिल्म ‘सायरा नरसिम्हा रेडडी’ में मौका मिला। इसमें उन्होंने म्यूजिक कंपोजर जूलियस पैकिअम के साथ काम किया जिन्होंने उन्हें पहला ब्रेक दिया।
फिल्म के लिए चिन्मय ने महाकाल थीम कम्पोज किया। ये रूद्राष्टकम शिव की स्तुति है जिसे फिल्म के मुख्य दृश्यों में उपयोग किया गया। इसके साथ ही पूरी फिल्म में बैकग्राउंड स्कोर में फ्लूट प्ले की। इसके लिए पूरा एक महीना कार्य किया। चिन्मय ने बताया कि जूलियस जैसे मंझे हुए कंपोजर के साथ काम करना उनके लिए बेहद यादगार रहा। उनसे फिल्मों में संगीत का महत्व, बारीकियां और कैसे संगीत के माध्यम से फिल्मों से दर्शकों को जोड़ सकते हैं जैसी बातें सीखने को मिली। इसी तरह दूसरी फिल्म ‘हाउसफुल-4’ रही जिसमें स्वयंवर के सीन का संगीत और श्लोक को कंपोज किया और श्लोक भी लिखा भी है। इसमें भी फ्लूट प्ले किया है। इसके अलावा फिल्म के छोटे से दृश्य की ऑडियो रिकॉर्डिंग मिराज स्टूडियो में की । इसके अलावा कबीर खान की वेब सीरिज ‘द फॉरगॉटन आर्मी’ में भी फ्लूट प्ले किया है।मेवाड़ की मिट्टी में रचे-बसे संगी को पूरी दुनिया में है फैलानाचिन्मय ने बताया कि उनका सपना मेवाड़ की मिट्टी में रची-बसी संगीत की खुशबू को पूरी दुनिया में फैलाना है। वे चाहरे किसी भी देश में रहें, अपनी मिट्टी और इसकी संगीत से जुडकऱ रहना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि उदयपुर भी संगीत की नगरी बन पाए। साथ ही पेरेंट्स बच्चों को कला से जोड़ें और इसके लिए उन्हें बढ़ावा दें। गौरतलब है कि चिन्मय मुंबई विवि से बांसुरी पर शोध भी कर रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो