
स्वच्छता रैकिंग में ठोस कचरा निस्तारण में उदयपुर को 200 में से मात्र 5 अंक मिले थे। आगामी परीक्षा में ऐसा नहीं हो इसके लिए उदयपुर शहर अब गोवा की राजधानी पणजी के पैटर्न पर काम करेगा जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जुलाई के पहले सप्ताह में उदयपुर की टीम गोवा भेजी जाएगी।
उदयपुर नगर निगम ठोस कचरा प्रोसेसिंग व निस्तारण को लेकर बहुत पीछे है। हालांकि निगम ने इस मुद्दे को लेकर पहले कई बार टेंडर किए लेकिन कभी फर्म नहीं आई और जब वे आई तो टेंडर सफल नहीं हुए। निगम ने राज्य की अन्य स्मार्ट सिटी और दूसरे बड़े शहरों का भी इस मुद्दे पर कामकाज जाना-समझा लेकिन सबसे बेहतर काम पणजी शहर में सामने आया।
ऐसे में निगम अब पणजी में इस काम को देखेगा, उसकी एक रिपोर्ट तैयार कर यह निर्णय किया जाएगा कि उदयपुर में क्या करना है।
पब्लिक टॉयलेट की दशा सुधारेंगे
निगम शहर में पब्लिक टॉयलेट की स्थिति को सुधारने पर भी काम करेगा जिसके लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। आयुक्त का कहना है कि सार्वजनिक स्थलों और पर्यटन स्थलों पर पब्लिक टॉयलेट की स्थिति सुधारी जाएगी और उनके रखरखाव पर भी बेहतर काम किया जाएगा।
सिहाग 23 को दिल्ली में करेंगे पेश
उदयपुर. स्मार्ट सिटी की दूसरी वर्षगांठ पर दिल्ली में 23 जून को होने वाले आयोजन में देश की करीब छह स्मार्ट सिटी के सीईओ को प्रजेंटेशन देने का मौका दिया गया। इसमें उदयपुर स्मार्ट सिटी कंपनी के सीइओ का भी चयन हुआ है।
केन्द्र सरकार के नगरीय विकास मंत्रालय ने आयोजन में देश की 100 ही स्मार्ट सिटी के सीईओ को बुलाया जिनमें से छह को प्रजेंटेंशन के लिए चुना। राजस्थान से उदयपुर स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ सिद्धार्थ सिहाग को यह मौका दिया गया है।
प्रक्रिया अपनाई जायेगी
हम यहां से 4-5 जुलाई को मुख्य लेखाधिकारी व ठोस कचरा निस्तारण के इंजीनियर को गोवा भेज रहे हैं। इंजीनियर तकनीकी व्यवस्था को तो लेखाधिकारी टेंडर का प्रारूप, शर्तें आदि को समझकर आएंगे। इसके बाद जो रिपोर्ट आएगी उसके अनुसार अगली प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
सिद्धार्थ सिहाग सीईओ, स्मार्ट सिटी उदयपुर
पणजी पैटर्न इसलिए
-90वें नंबर पर पणजी इस साल की रैंकिंग में
-200 में से 157 अंक मिले पणजी को ठोस कचरा निस्तारण में
-80 प्रतिशत वार्ड डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण।
-75 प्रतिशत से अधिक उपयोगकर्ता शुल्क वसूला जाता।
Published on:
22 Jun 2017 09:47 am
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