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गांवों में सीएचसी-पीएचसी पर अब कई डॉक्टर काम नहीं करना चाहते हैं। ऐसे में वे सीएमएचओ ऑफिस तक शहर में या उसके आसपास किसी हॉस्पिटल में आने के लिए अर्जियां दे रहे हैं। हालांकि अधिकारी इस बात को सीधे तौर पर स्वीकारने को तैयार नहीं है, लेकिन इस मामले को लेकर तीन चिकित्सकों ने इस्तीफा भी दे दिया है। जो अर्जियां सीएमएचओ ऑफिस तक पहुंच रही हैं, इसमें कई कारण बताए गए हैं। फिलहाल सीएमएचओ कार्यालय में इस तरह की करीब 20 से अधिक एप्लिकेशन पहुंच चुकी हैं।
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यूटीबी पर लगे चिकित्सकों में और परेशानी...
- अर्जेन्ट टेम्प्रेरी बेस पर लगाए जाने वाले डॉक्टरों के सामने सबसे बड़ी परेशानी ये है कि उन्हें गांवों में ही लगाया जाएगा। जब उन्हें लगाया जाता है, तो उनके सामने शर्त रखी जाती है कि जहां भी वे काम कर रहे हैं, यदि वहां किसी भी परमानेंट चिकित्सक की पोस्टिंग होती है, तो उन्हें तत्काल सेवा समाप्त माना जाएगा, उन्हें फिर से यूटीबी में लगने के लिए आवेदन करना होगा।- यूटीबी वाले डॉक्टर्स की मांग है कि उन्हें यदि एक स्थान से हटाया जाता है, तो उन्हें दूसरी जगह बिना आवेदन के ही लगाया जाए, ताकि बार-बार उन्हें आवेदन नहीं करना पडे़।
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ये आ रही है बडी परेशानी
- चिकित्सक पहले तो जोश-जोश में गांवों में ज्वाइन कर लेते हैं, लेकिन कई प्रकार की सुविधाओं के अभाव में वे परेशान होकर फिर शहर की ओर दौड़ते हैं।- गांवों के कई स्वास्थ्य केन्द्रों पर अपेक्षानुरूप सुविधाओं वाले क्वार्टर उपलब्ध नहीं है, तो बेहतर स्कूल्स नहीं होने से भी वे बच्चों को वहां पढ़ाने में असमर्थता जता रहे हैं। इतना ही नहीं, ठेठ देहात क्षेत्र में सुरक्षा इन्तजामों को लेकर भी उन्होंने अपनी परेशानी बयां की है।
- वर्तमान में कई क्वार्टर ऐसे हैं, जहां ना तो बिजली की सुविधा है और ना ही पानी की। ऐसे मामले में भी अधिकांश चिकित्सक गांवों में रहने को तैयार नहीं है।
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हां, कुछ मामले आ रहे हैं, इसमें चिकित्सक अपनी परेशानी बता रहे हैं। उन्हें समझाया जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में ही तो चिकित्सकों की ज्यादा जरूरत हैं। जो-जो कमियां सामने आ रही है, उसे दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।
डॉ शंकर बामनिया, सीएमएचओ उदयपुर
Published on:
03 Oct 2022 07:46 am
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