
उदयपुर। हाल ही हुई इन घटनाओं ने बेटियों व महिलाओं की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। महिलाएं और बच्चियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं, चाहे वह स्कूल-कॉलेज हो ,जॉब प्लेस या फिर कोई और जगह। इन मामलों में अब तक त्वरित सजा नहीं मिलने से अपराधी बेखौफ हैं। वहीं, महिला सुरक्षा को लेकर अब सरकारों को गंभीर होना होगा और सत कानून बनाने होंगे, ताकि ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके। लेकिन, तब तक बेटियों व महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए तकनीक का भी सहारा लेना होगा। अब कई सारे ऐसे एप्स आ चुके हैं जो महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं।
यदि आपके पास जरूरत के समय हथियार ना हों तो ये एप्स भी हथियार के रूप में मदद कर सकते हैं। शहर के साइबर एक्सपर्ट श्याम चंदेल ने बताया कि महिला सुरक्षा के लिए ये जरूरी एप्स जिनके बारे में हर महिला व बेटियों को जानकारी होनी चाहिए।
ये एक पर्सनल सेफ्टी एप है। इसमें एक बीसेफ अलार्म शामिल है, जो आपकी एक्जेक्ट लोकेशन के सलेक्टेड इमरजेंसी कॉन्टेक्ट के साथ-साथ आसपास के एरिया के एक ऑडियो-वीडियो को सूचित करता है। ये एक टाइमर शुरू करता है और अगर दोस्त इसे बंद करने के लिए सही समय पर वापस नहीं आते हैं, तो ये उन्हें अलार्म भेजता है या उनके फोन पर नकली कॉल करता है।
ये एप एंड्रॉइड और आइओएस दोनों डिवाइस में चलता है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए तैयार किए गए इस एप में खासतौर पर ’शाउट’ फीचर उपलब्ध करवाया गया है, जो एक विशेष आपात प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा यह एप किसी परेशान महिला की मौजूदगी की जगह का पता लगाने के लिए जीपीएस सिस्टम का भी इस्तेमाल करेगा। ये एप केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया है।
8-9 अगस्त को कोलकाता में रेजीडेंट डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना ने पूरे देश को आक्रोशित कर दिया है। इसमें एक आरोपी को गिरतार कर लिया गया है लेकिन कई पहलू अनसुलझे हैं और कई और भी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं।
20 अगस्त उदयपुर जिले के सलूबर के ग्रामीण थाना क्षेत्र में 14 वर्षीय बालिका को अगवा कर बलात्कार और उसके बाद गंभीर हालत में छोड़ने का मामला सामने आया। बालिका को बाद में उदयपुर के एमबी चिकित्सालय लाया गया, जहां उसका इलाज किया गया।
18 अगस्त जोधपुर में ढाई साल की बच्ची से दो बार दुष्कर्म किया गया। इससे बच्ची की हालत बिगड़ गई। उसे गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां दो घंटे तक उसका ऑपरेशन चला।
इस एप में यूजर्स के लिए कुछ बेहतरीन फीचर्स हैं। यह एप न सिर्फ भारत के विभिन्न राज्य के पुलिस विभागों द्वारा समर्थित है बल्कि यह महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है। यह समस्याग्रस्त स्थिति में आपातकालीन संपर्कों को पैनिक अलर्ट भेजता है। साथ ही साथ आवाज को रिकॉर्ड करता है और पैनिक सिचुएशन के दौरान फोटो शेयर करता है, जो पुलिस को भी भेजी जा सकती हैं।
राजस्थान में नागरिकों व महिलाओं की सुरक्षा के लिए राजकॉप एप है। इसे करीब एक लाख लोगों ने डाउनलोड किया है। एप में उपलब्ध महिला हेल्पलाइन सुविधा के बटन को छूने मात्र से कोई भी महिला हेल्पलाइन से संपर्क कर मदद ले सकती है। इसमें एसओएस बटन होता है। बटन को दबाने पर लोकेशन व संबंधित थाने की जानकारी कंट्रोल रूम के पास चली जाती है। कंट्रोल रूम से महज एक मिनट से भी कम समय में रिप्लाई कॉल आता है।
किसी भी प्रकार की समस्या होने पर महिलाएं राजस्थान के तीन हेल्प लाइन नंबर 1090, 1095 या 181 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करवा सकती हैं। जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि ये माई सेफ्टीपिन ऐप भी महिला की सुरक्षा में बहुत कारगर साबित होगा। इसमें जीपीएस ट्रैकिंग, इंमरजेंसी कॉन्टेक्ट, खतरनाक लोकेशन के लिए सूचनाएं, सबसे सुरक्षित मार्ग विकल्प जैसी बहुत ही जानकारी होती है, जो आपके काम आ सकती है।
महिलाएं अपने बैग में हर जरूरत की चीज रखती हैं। ऐसे में महिलाओं को अपने बैग में सेफ्टी किट में कुछ ऐसे गैजेट्स और फोन में कुछ सुरक्षा के एप्स भी रखने की जरूरत है जिनका इस्तेमाल वो मुसीबत के समय पर आसानी से कर सकें। कई एप्स तुरंत मदद के लिए संदेश भेजते हैं, जिससे जल्दी मदद मिल सकती है। इसी तरह पेपर स्प्रे, चिली स्प्रे आदि भी बैग में रखने चाहिए। - श्याम चंदेल, साइबर एक्सपर्ट
Published on:
02 Sept 2024 11:12 am
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