उज्जैन में 5 फरवरी से शुरू होने वाली परीक्षा के डर से 10वीं के छात्र ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। परिवार वालों ने उसे अचेत हालत में निजी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां उसकी मौत हो गई।
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छात्र के पिता गोपाल यादव कहना है कि बच्चे ने जहर खाने के बाद बताया था कि उसने परीक्षा के डर से आत्महत्या का कदम उठाया। हालांकि पुलिस छात्र के द्वारा की गई आत्महत्या के कारण पता लगा रही है। वह जहर कहां से लाया था, इसकी भी जांच की जा रही है।
शहर के जीवाजीगंज इलाके में यह घटना हुई। पुलिस ने बताया कि अवंतिपुरा में रहनेवाले 15 साल के नीलेश यादव ने रात को घर में जहरीला पदार्थ खा लिया था। परिवार वालों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती किया था। जहां उसकी मौत हो गई।
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परिवार वालों का कहना है कि नीलेश, संत लीला कान्वेंट स्कूल में 10वीं में पढ़ता था। 5 फरवरी से उसकी परीक्षा शुरू होने वाली थी और पहला पेपर हिन्दी का था। देर रात को वह उल्टियां करने लगा तो परिवार वाले उसे अस्पताल लेकर पहुंचे। नीलेश ने पिता गोपाल यादव को बताया कि उसने एग्जाम के डर से जहर खा लिया था। उसके पिता धन्वतरि आयुर्वेद महाविद्यालय में कर्मचारी हैं।
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बच्चे को जहर देने वाले दुकानदार की तलाश में पुलिस
जीवाजीगंज टीआइ राकेश भारती ने बताया कि बच्चे के परिजनों से जानकारी लगी कि घर में कोई जहरीला पदार्थ नहीं था। बच्चा बाजार की किसी दुकान से जहर खरीदकर लाया होगा। ऐसे मेें जांच की जा रही है कि उसे किस दुकानदार ने जहर बेचा था।
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तनाव से बचें
एक्सपर्ट बताते हैं कि छात्र—छात्राओं को परीक्षा को लेकर तनाव होता ही है। यह जानलेवा न बने, इसके लिए अभिभावकों को भी पर्याप्त सतर्कता बरतनी चाहिए। बच्चों की काउंसिलिंग करना जरूरी है।