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महाकाल मंदिर के पुरोहित के 17 साल के बेटे की मौत, सोते – सोते आया साइलेंट अटैक

महाकाल मंदिर के पुरोहित मंगलेश शर्मा के बेटे मयंक शर्मा की साइलेंट अटैक आने से मौत हो गई है।

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महाकाल मंदिर के पुरोहित के 17 साल के बेटे की मौत, सोते - सोते आया साइलेंट अटैक

धर्म नगरी उज्जैन के महाकाल मंदिर से इस समय एक दुखद खबर सामने आई है। महाकाल मंदिर के पुरोहित मंगलेश शर्मा के बेटे मयंक शर्मा की साइलेंट अटैक आने से मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि, मयंक की उम्र मात्र 17 साल थी। मयंक की मौत की सूचना फैलते ही पुजारी परिवारों के साथ साथ करीब करीब पूरे शहर में गम का माहौल देखने को मिल रहा है। बताया जा रहा है कि, रंगपंचमी पर शहर में आयोजित गैर के दौरान मयंक काफी उत्साह में दिख रहा था। मंयक का सभामंडप में तलवारबाजी करते हुए वीडियो भी सामने आया है। बताया जा रहा है कि, गैर में तलवारबाजी करने के दौरान ही मंयक की अचानक तबियत बिगड़ गई थी, जिसके बाद रात करीब 10 बजे घर पहुंचकर वो सो गया, लेकिन इसके बाद वो दोबारा नहीं उठ सका।

आपको बता दें कि, शहर में रंगपचंमी के अवसर पर मंदिर में शाम से ही भगवान महाकाल के ध्वज चल समारोह की तैयारियां की जा रही थीं। महाकाल मंदिर के पुरोहित मंगलेश गुरू का 17 वर्षीय बेटार मंयक भी शाम करीब 5:30 बजे महाकाल मंदिर पहुंच गया था। इस दौरान वो काफी उत्साहित था। ध्वज पूजन के बाद गैर शुरू होने के पहले मंयक ने सभा मंडप में तलवार घूमाकर अपनी कलाबाजी का प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद वह गैर में शामिल हो गया। बताया जा रहा है कि, गैर के मंदिर से बाहर निकलते ही मंयक को घबराहट होने लगी। इसे सामान्य मानकर मंयक जूस पीकर फिर गैर में शामिल हो गया। गैर में कई स्थानों पर मयंक ने तलवार और लट्ठबाजी का प्रदर्शन भी किया। लेकिन, जैसे ही गैर गुदरी चौराहे पर पहुंची तो यहां मंयक की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। इसके बाद वो खत्रीवाड़ा स्थित अपने घर चला गया, जहां जाकर वो सो गया, लेकिन सोते सोते ही उसकी मौत हो गई।

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सोते सोते आ गई मौत

रात में ही यह दुःखद सूचना गुरू मंडली में फैल गई, जिसने ये दुःखद खबर सुनी उसे यकीन ही नहीं हुआ। मंयक के दोस्त माधव शर्मा का कहना है कि, मंयक दो बहनों में एकलौता भाई था। दोनों बहनों का लाड़ला मंयक अक्षत कान्वेंट स्कूल की कक्षा 10वीं में पढ़ाई करता था। अचानक हुई इस घटना से महाकाल मंदिर के पुजारी, पुरोहित और मयंक के परिवार समेत शहरभर में शोक की लहर है।