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84 महादेव सीरीज : बुद्धि प्रदाता हैं अक्रूरेश्वर महादेव

चौरासी महादेवों की शृंखला में 39वें क्रम पर श्री अक्रूरेश्वर महादेव का मंदिर आता है। इनके दर्शन-पूजन से बुद्धि, सुख-समृद्धि और अंत में शिव लोक प्राप्त होता है। 

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Lalit Saxena

Sep 14, 2016

84-mahadev-series Akrureshwar Mahadev temple Ujjai

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उज्जैन. चौरासी महादेवों की शृंखला में 39वें क्रम पर श्री अक्रूरेश्वर महादेव का मंदिर आता है। इनके दर्शन-पूजन से बुद्धि, सुख-समृद्धि और अंत में शिव लोक प्राप्त होता है। श्रावण-भादौ मास में पत्रिका डॉट कॉम के जरिए आप 84 महादेव की यात्रा का लाभ ले रहे हैं।

गण ने नहीं की थी पार्वती की स्तुति
एक बार की बात है, सभी देवी देवता, इंद्र, किन्नर, मुनि सभी पार्वती की स्तुति की कर रहे थे, तब शिव के एक गण भृंगिरिट ने पार्वती की स्तुति करने से मना कर दिया। पार्वती के कई बार समझाने पर कि वह उनका पुत्र है और केवल शिव स्तुति से उसका कल्याण नहीं हो सकता, परंतु वह उनकी बात नहीं माना और योग विद्या के बल पर उसने संपूर्ण मांस पार्वती को अर्पित कर दिया तथा शिवजी के पास पहुंच गया।

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माता ने उसे श्राप दिया
माता ने उसे श्राप दिया कि क्रूर बुद्धि के कारण भृंगिरिट ने उसका अपमान किया है, इस कारण वह मनुष्य लोक को प्राप्त होगा। श्राप के प्रभाव से भृंगिरिट तत्काल पृथ्वी लोक पर आकर गिर पड़ा। वहां उसने श्राप मुक्ति के लिए तपस्या प्रारंभ कर दी। तब शिव ने भृंगिरिट से कहा कि पार्वती ही तुम्हें श्राप मुक्त करेंगी, तुम उनकी आराधना करो।


अर्ध नारीश्वर के रूप में प्रकटे महादेव
उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर उससे कहा कि महाकाल वन में शिवलिंग का पूजन करें, उसके दर्शन से तुम्हारी बुद्धि, सुबुद्धि में बदल जाएगी। भंृगिरिट ने महाकाल वन में जाकर शिव की उपासना की और शिवलिंग से पार्वती आधे शिव और आधे पार्वती के शरीर के साथ प्रकट हुईं तथा उसे श्राप मुक्त किया।

दर्शन-पूजन से लाभ
भृंगिरिट ने वरदान मांगा कि जिस शिवलिंग के दर्शन से उसकी सुबुद्धि हो गई। वह शिवलिंग अक्रूरेश्वर के नाम से विख्यात हो। मान्यता है कि जो भी मनुष्य इस शिवलिंग के दर्शन-पूजन करेगा, वह स्वर्ग को प्राप्त होगा। उसके सभी पाप नष्ट हो जाएंगे।

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