एक बार की बात है, सभी देवी देवता, इंद्र, किन्नर, मुनि सभी पार्वती की स्तुति की कर रहे थे, तब शिव के एक गण भृंगिरिट ने पार्वती की स्तुति करने से मना कर दिया। पार्वती के कई बार समझाने पर कि वह उनका पुत्र है और केवल शिव स्तुति से उसका कल्याण नहीं हो सकता, परंतु वह उनकी बात नहीं माना और योग विद्या के बल पर उसने संपूर्ण मांस पार्वती को अर्पित कर दिया तथा शिवजी के पास पहुंच गया।