शिव के वरदान से वहां महामुनि मार्कण्डेय प्रकट हुए। इस पर वे तुरंत ही शिव की आराधना करने बैठ गए। मार्कण्डेय को तप करते देख शिवजी ने कहा कि जिस शिवलिंग की तुम पूजन कर रहे हो, अब वह तुम्हारे नाम से संसार भर विख्यात होगा। मार्कण्डेय के पूजन करने से शिवलिंग मार्कण्डेश्वर के नाम से विख्यात हुआ। जो भी मनुष्य इस शिवलिंग का पूर्ण श्रद्धा से पूजन करेगा वह सदा सुखी ओर परमगति को प्राप्त होगा।