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Success Story: मां बनने के बाद भी पीछे नहीं हटी झुंझुनूं की लक्ष्मी… RJS 2025 परीक्षा में 16वीं रैंक हासिल कर बनीं जज

Success Story: लक्ष्मी का सफर आसान नहीं था। वर्ष 2018 में शादी के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखा। इसके बाद जब वह मां बनीं तो जिम्मेदारियां और बढ़ गईं। घर-परिवार, बच्चे की देखभाल और सामाजिक दायित्वों के बीच समय निकालकर पढ़ाई करना उनके लिए बड़ी चुनौती थी।

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RJS 2025 Laksmi

शादी के बाद जज बनीं लक्ष्मी (फोटो-पत्रिका)

झुंझुनूं। कहते हैं कि अगर इरादे मजबूत हों तो जिम्मेदारियां रास्ता नहीं रोकतीं, बल्कि हौसला और बढ़ा देती हैं। इस कहावत को झुंझुनूं जिले के चिड़ावा कस्बे की लक्ष्मी ने सच कर दिखाया है। मां बनने के बाद भी पढ़ाई नहीं छोड़ी और कड़ी मेहनत के दम पर राजस्थान न्यायिक सेवा (RJS-2025) परीक्षा में प्रदेश स्तर पर 16वीं रैंक हासिल कर ली। उनकी यह उपलब्धि हजारों युवाओं, खासकर महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई है।

लक्ष्मी का सफर आसान नहीं था। वर्ष 2018 में शादी के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखा। इसके बाद जब वह मां बनीं तो जिम्मेदारियां और बढ़ गईं। घर-परिवार, बच्चे की देखभाल और सामाजिक दायित्वों के बीच समय निकालकर पढ़ाई करना उनके लिए बड़ी चुनौती थी। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और लक्ष्य पर डटी रहीं। लक्ष्मी बताती हैं कि कई बार परिस्थितियां कठिन लगीं, लेकिन परिवार के सहयोग और आत्मविश्वास ने उन्हें आगे बढ़ने की ताकत दी।

मां बनना महिला की कमजोरी नहीं

राजस्थान पत्रिका से लक्ष्मी ने कहा कि 'मेरे लिए यह यात्रा संघर्षों से भरी रही, लेकिन परिवार और गुरुजनों का साथ मिला। ईश्वर की कृपा से हर मुश्किल को पार कर सकी।' लक्ष्मी का मानना है कि मां बनना किसी भी महिला की कमजोरी नहीं, बल्कि उसकी सबसे बड़ी शक्ति होती है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मातृत्व ने उन्हें और अधिक जिम्मेदार, धैर्यवान और मजबूत बनाया।

लक्ष्मी ने लड़कियों के लिए क्या कहा?

लक्ष्मी ने युवाओं और विशेष रूप से लड़कियों को संदेश देते हुए कहा कि परिस्थितियां कैसी भी हों, अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत लगातार की जाए तो सफलता जरूर मिलती है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय पति कुणाल कुल्हार (निवासी देवरोड), पिता जितेंद्र सिंह जो व्याख्याता हैं, मां सुदेश, ससुर हरीश कुल्हार, परिवारजनों और मार्गदर्शकों को दिया। साथ ही विधि सत्संग संस्था और आरजेएस मार्गदर्शक चंद्रशेखर पारीक व महेंद्र सैनी का आभार जताया।

लक्ष्मी की यह सफलता की कहानी साबित करती है कि दृढ़ संकल्प और सही मार्गदर्शन से हर सपना साकार किया जा सकता है।


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