84 Mahadev Temples Ujjain: बाबा महाकाल की नगरी में स्थापित हैं 84 महादेव मंदिर, इनके शोध में सामने आए कई रहस्य, सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हो जाएगा, पत्रिका आपको बता रहा है, भगवान शिव के इन मंदिरों की महिमा... रहस्य जानकर रह जाएंगे हैरान...
84 Mahadev Temples: बाबा महाकाल की नगरी में 84 महादेव मंदिरों की स्थापना अब तक अचरज पैदा कर रही थी। अब एक शोध में इसके पीछे का महत्व सामने आया है। ये मंदिर नहीं हैं, 84 कल्प हैं। यानी, हर कल्प में एक मंदिर की स्थापना हुई है।
महर्षि पाणिनी संस्कृत विवि के प्रोफेसर शुभम शर्मा ने अपने शोध के दौरान अब तक 17 महादेव मंदिरों पर काम किया है। उनका कहना हैं, हर कल्प में मंदिर स्थापित हुए। यानी, ब्राह्मण का विनाश और पुन: सृजन की अवधि। हर कल्प में मंदिरों के नाम बदले गए हैं। उस समय ऋषियों ने तपस्या या ज्ञान अर्जित कर मानवहित में योगदान दिया, उन्हीं के नाम से शिवलिंग के नाम रखे गए।
1.स्वर्णज्वालेश्वर महादेव
मंदिर से जुड़ी कथा आविष्कार या प्रकृति के बड़े बदलाव के संकेत भी देती है। इसमें स्वर्णज्वालेश्वर महादेव के पीछे उज्जैन में स्वर्ण के आविष्कार से जुड़ा होना माना जा रहा है।
2. कुटुम्बेश्वर महादेव
सागरमंथन से निकले कालकूट विष को पीकर महादेव नीलकंठ हो गए। कथा संकेत देती है कि कालकूट का महाकाल वन में आना, उसके प्रभाव से उज्जैयिनी में प्रदूषण की स्थिति बनी थी। तब लकुलीश ने आकर मूल कारण जाना और प्रदूषण ना होने देने के लिए प्रशिक्षित किया।
84 महादेव मंदिर में कुछ मंदिर पास-पास बने हैं। लेकिन उनके नंबर अलग-अलग हैं। यदि एक सीरीज में होते तो पास-पास वाले नंबर 2 या 3 लिखे होते, पर ऐसा नहीं है। एक मंदिर पर 10 तो पास वाले पर 24 नंबर लिखा है। ये मंदिर त्रिकोण स्थिति में बने हैं। ये खगोलीय महत्त्व को दिखाते हैं। इनके वास्तुशिल्प भी अद्भुत हैं। इस रिसर्च को एक टीवी चैनल के लिए किया जा रहा है।
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