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तीर्थ भूमि पर हुआ अभ्यूदय पार्श्वनाथ का प्रवेश

Ujjain News: बड़नगर रोड़ स्थित अभ्यूदय धाम में हुआ कार्यक्रम-मुंबई, चैन्नई, बैंगलोर सहित अन्य शहरों से पहुंचे समाजजन

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Abhyuday Parshwanath's entry on the pilgrimage

Ujjain News: बड़नगर रोड़ स्थित अभ्यूदय धाम में हुआ कार्यक्रम-मुंबई, चैन्नई, बैंगलोर सहित अन्य शहरों से पहुंचे समाजजन

उज्जैन। 8 वर्षों से निर्माणाधीन बड़नगर रोड़ धरमबड़ला स्थित श्री अभ्युदय पार्श्वनाथ जैन तीर्थधाम का निर्माण अब अंतिम चरणों में है। बुधवार सुबह 8.30 बजे विशेष मुहूर्त में दक्षिण भारत के हरे रंग के मगराज पत्थर से निर्मित 63 इंच ऊंची अभ्युदय पार्श्वनाथ की प्रतिमा का तीर्थ भूमि में प्रवेश कराया गया। मालव मार्तण्ड आचार्य मुक्तिसागर सूरिश्वर की निश्रा में विधि विधान से जयकारों के बीच पार्श्वनाथ प्रभु का मंगल पदार्पण हुआ। कार्यक्रम दौरान तीर्थ परिसर में बनने वाली धर्मशाला व भोजनशाला का शिलान्यास भी किया गया। जिसमें बैंगलोर, चैन्नई, मुंबई, पुणे, सूरत सहित विभिन्न शहरों के श्वेतांबर जैन समाजजन शामिल हुए।

2010 में अभ्युदय तीर्थधाम की नींव रखी गई
अभ्युदय तीर्थधाम के ट्रस्टी अशोक भंडारी के अनुसार वर्ष 2010 में अभ्युदय तीर्थधाम की नींव रखी गई थी, तब से अब तक यहां निर्माण कार्यों का सिलसिला जारी है। सफेद संगमरमर का भव्य जिनालय निर्माण अंतिम चरणों में है। यह देश का पहला ऐसा तीर्थ होगा जहां जैन शास्त्र के 45 आगम के अनुसार 45 जिनालयों का निर्माण किया जा रहा है। बड़नगर रोड़ टोल नाके से कुछ दूरी पर स्थित इस तीर्थधाम में आर्य रक्षित शिक्षा, संस्कार बोर्डिंग स्कूल भी संचालित है। जिसमें जैन समाज के सहित अन्य धर्म, समाज के बच्चे भी सीबीएससी एज्युकेशन के साथ धर्म व संस्कारों की शिक्षा ले रहे हैं। इस मौके पर राजेन्द्र बांठिया, संतोष धींग, कांतीलाल संघवी, नरेन्द्र तरसिंग, जयंतीलाल जैन तेलवाला आदि मौजूद थे। कार्यक्रम दौरान आचार्यश्री मुक्तिसागर की उपस्थिति में विभिन्न शहरों से आए दानदाताओं व वरिष्ठ समाजजनों का शाल श्रीफल से सम्मान भी किया गया।

मोह माया के रंग से दूर होकर प्रभु के रंग में रंग जाएं
कार्यक्रम दौरान मुक्तिसागरजी ने उपस्थित समाजजनों से कहा कि हम अभी तक सांसारिक मोह माया और अपनों के रंग में रंगे हुए हैं। लेकिन यह रंग तो महज उपरी दिखावा है। असली रंग तो प्रभु भक्ति का रंग है जो अगर जीवन में चढ़ जाए तो मनुष्य का भवसागर से पार होना तय है। आजकल परिवारों में बच्चों को उच्च शिक्षित तो किया जा रहा है लेकिन वे धर्म और संस्कारों को भूलते जा रहे हैं। अभ्यूदय तीर्थधाम का संकुल ऐसे ही बच्चों में नैतिक शिक्षा का बीजारोपण कर रहा है। उन्होंने समाजजनों से बच्चों को धर्म और संस्कारों की शिक्षा दिलाने का आव्हान किया। मंगलवार को श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी में भी आचार्यश्री के प्रवचन हुए ।