
महाशिवरात्रि पर 10 से 15 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान प्रशासन द्वारा लगाया जा रहा है।
उज्जैन. तिरुपति बालाजी के बाद देश का पहला ऐसा मंदिर बन गया है बाबा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का दरबार, जहां महज तीन माह यानी दिसंबर, जनवरी और 20 फरवरी तक करोड़ों का दान प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या भी 1 जनवरी से लेकर 10 जनवरी यानी 10 दिनों में 1 करोड़ से अधिक रही। अब महाशिवरात्रि पर 10 से 15 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान प्रशासन द्वारा लगाया जा रहा है। साथ ही लगभग हर दिन बड़ी मात्रा में दान व सामग्री भेंट मंदिर प्रबंध समिति के खजाने में जमा हो रही है।
मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया श्री महाकालेश्वर मंदिर की सभी व्यवस्थाएं दान के माध्यम से ही संचालित होती हैं। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित नि:शुल्क अन्न क्षेत्र, गौशाला, चिकित्सा आदि में भी अपनी श्रद्धानुसार भक्तों द्वारा दान किया जाता है। समय-समय पर मंदिर के अधिकारी/ पुजारी/पुरोहितों/मंदिर प्रबंध समिति सदस्यों व कर्मचारियों के माध्यम से भी भक्तों को मंदिर में दान करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
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कब-कब कितना दान आया मंदिर में
- 12 दिसंबर 23 को टीएसएम इंजीनिरिंग प्राइवेट लिमिटेड के स्थानीय डीलर अनिल निकम द्वारा महाकाल की सेवा में बैट्रियों से संचालित, हाईड्रोलिक सिस्टम की ट्रॉली वाला लोडिंग ई-रिक्शा जिसका मूल्य लगभग 1.85 लाख है भेंट किया गया।
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- 18 दिसंबर 23 को नई दिल्ली की त्रिदेव कावड़ समिति द्वारा 2784 ग्राम वजनी चांदी की 56 नग कटोरियां, 01 नग लोटा, 01 नग चम्मच भगवान को अर्पित किया गया। सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल द्वारा प्राप्त किया गया। इसी दिन खम्बार, गुज के एस.के. जवेरी पटेल द्वारा 01 नग चन्द्राकार चांदी का मुकुट (मय त्रिशूल, त्रिपुंड व रत्न जडि़त मीणा का नेत्र लगा) वजन 116.280 भगवान को भेंट किया गया।
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- 21 दिसम्बर को मंदिर समिति द्वारा संचालित प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में डॉ. देवेंद्र परमार की प्रेरणा से नितेश जोशी एवं संस्कार मारोठिया द्वारा लगभग 1 लाख रुपए तक की दवाइयां दान दी गई।
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- 23 दिसंबर को हैदराबाद से आए टी. बालाजी ने मंदिर प्रबंध समिति के आईटी कार्यालय में प्रभारी अधिकारी राजकुमार सिंह को धर्मशाला के लिए रुपए 1, 01, 116/- का चेक भेट किया था।
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- 2 जनवरी 24 को मंदिर में उत्तरप्रदेश के चित्रकूट से आए अमित द्विवेदी द्वारा मंदिर के पुरोहित प्रतिनिधि सचिन शर्मा की प्रेरणा से 1 नग चांदी का मुकुट, 2 नग चांदी के कुंडल व 1 नग बड़ा चम्मच भगवान जी को अर्पित किया गया। जिसका कुल वजन 2120 ग्राम है। सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल द्वारा यह दान प्राप्त किया गया।
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- 6 जनवरी 24 को नई दिल्ली की भक्त सरोज बाला द्वारा मंदिर के विकास कार्यों के लिए 2लाख 50 हजार का चेक दान में भेंट किया था। इसी प्रकार नई दिल्ली निवासी डॉ. वासव दत्ता देवा द्वारा 50 हज़ार नकद राशि दान की गईं।
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- 12 जनवरी 24 को श्री महाकाल भक्त मंडल, लखनऊ से आए सदस्यगणों ने भगवान श्री महाकाल की सेवा में उच्च गुणवत्ता का कम्प्यूटर प्रिन्टर (13000 रु.) भेंट किया था।
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- 15 जनवरी 24 को कर्नाटक के चिक्क़ाबल्लापुर निवासी एस.ए. नवीन द्वारा 2 लाख की नकद राशि श्री समिति को दान में दी गई। प्रशासक के निज सहायक प्रशान्त त्रिपाठी द्वारा दानदाता का स्मृति चिन्ह, शाल व प्रसाद भेंट कर सम्मान किया। इस अवसर पर कैशियर सुधीर चतुर्वेदी उपस्थित थे।
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- 19 जनवरी 24 को पंजाब लुधियाना से आई चन्दारानी पति श्रीरामजी द्वारा पुजारी प्रतिनिधि यश शर्मा की प्रेरणा से 1 नग चांदी का मुकुट, 2 नग चांदी के नागधारी कुंडल भगवान जी को अर्पित किए, जिनका कुल वजन 3043.200 ग्राम है।
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- 28 जनवरी 24 को अजमेर व बैंगलोर के श्रद्धालुओं ने जयसिंहपुरा स्थित नए अतिथि निवास के लिए 24 बलेंकेट्स, डोरमेट्स व डस्टबिन भेंट किए थे। अधिकारी आरके तिवारी ने उनका सम्मान किया था। इसी दिन नई दिल्ली निवासी मनीष कुमार ने मंदिर में चल रहे विकास कार्य के लिए 51 हजार का चेक प्रदान किया था। इसी प्रकार गौरव कुमार द्वारा 11 हजार की नकद राशि दान में दी थी। इंदौर के दानदाता अरविंद जोशी ने पुजारी दिनेश शर्मा की प्रेरणा से 1 चांदी का मुकुट दान किया था।
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- 31 जनवरी २४ को पुरोहित पीयूष चतुर्वेदी व राकेश श्रीवास्तव की प्रेरणा से नेक्सजन एनर्जिया के चैयरमैन डॉ. पीयूष द्विवेदी ने मंदिर में चल रहे विकास कार्य के लिए 01 लाख की नकद राशि भेंट की थी। इसी दिन उत्तरप्रदेश के मेरठ निवासी अंशुल एलन ने पुरोहित शिवम शर्मा की प्रेरणा से लकड़ी के चांदी लगी चौकी दान की, जिसका वजन 2847 ग्राम है।
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अंग्रेजी नववर्ष से 10 फरवरी तक 1 करोड़ 20 लाख भक्तों ने किए दर्शन
प्रशासक संदीप सोनी ने बताया महालोक बनने के बाद दर्शनार्थिंयों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। मंदिर में सुबह 6 बजे से पूर्व ही दर्शनार्थी कतारबद्ध हो जाते हैं। सामान्य रूप से भी प्रतिदिन लगभग 1.5 से 02 लाख दर्शनार्थियों द्वारा भगवान के दर्शन किए जाते हैं। विशेष पर्व व अवकाश के दिनों में भी श्रद्धालुओं की संख्या का आंकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है। 31 दिसम्बर 23 व 1 जनवरी 2024 को चलित भस्म आरती में लगभग 45 हजार व प्रात: 06 बजे से रात्रि शयन आरती तक लगभग 8 लाख 10 हजार श्रद्धालुओं ने श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किए। 15 जनवरी 24 मकर संक्रान्ति पर ग्रामीण क्षेत्रों से भी दर्शनार्थी आए। 17 से 22 जनवरी तक उत्तर प्रदेश, अयोध्या की पावन धरा पर श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा अवसर पर मंदिर प्रबंध सामिति द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इससे लगातार श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई। लगभग 05 लाख से अधिक श्रद्धालुओं द्वारा श्री दर्शन किए गए। इसी प्रकार 26, 27 व 28 जनवरी को लगभग 10 लाख 45 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। 01 जनवरी से लेकर 10 फरवरी तक आंकड़ा लगभग 01 करोड़ 20 लाख से अधिक पहुंच गया था।
- 20 फरवरी 24 को निशुल्क अन्नक्षेत्र के लिए पुरोहित शिवम व्यास (लड्डू गुरु) व प्रोटोकॉल सहायक चंद्रप्रकाश शर्मा की प्रेरणा से महाराष्ट्र मुेबई निवासी प्रशांत गुंजालकर ने 5 लाख की नकद राशि दान में दी। साथ ही गुंजालकर द्वारा चिंतामण-जवासिया पर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित महाकालेश्वर गौशाला में 50 हज़ार की लागत का गौवंश हेतु स्ट्रेचर भी दान किया गया। इसी दिन 20 फरवरी मंगलवार को मंदिर में चन्द्रपुर से आए सबरजीत सिंह द्वारा मंदिर के चिराग शर्मा की प्रेरणा से 2 नग चांदी के चौरस भगवान को अर्पित किए गए। जिसका कुल वजन 1055 ग्राम है। जानकारी मंदिर प्रबंध समिति के कोठार शाखा के कोठारी मनीष पांचाल द्वारा दी गई।
Published on:
20 Feb 2024 08:46 pm
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