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मंदिरों के निर्माल्य से बनेगी अगरबत्ती और धूप बत्ती

शनि मंदिर, मंगलनाथ, कालभैरव, हरसिद्धि व चिंतामण मंदिर समिति पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक

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शनि मंदिर, मंगलनाथ, कालभैरव, हरसिद्धि व चिंतामण मंदिर समिति पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक
तीन दिन में निर्माल्य आयुर्वेदिक कॉलेज में बने प्लांट पर पहुंचेगा
उज्जैन. अब शहर के प्रमुख मंदिरों से निकलने वाले निर्माल्य से मंगलनाथ मार्ग स्थित आयुर्वेदिक कॉलेज परिसर में बने प्लांट पर अगरबत्ती, धूपबत्ती व जैविक खाद तैयार होगी। इसके लिए प्रशासन व नगर निगम ने मंदिर समिति पदाधिकारियों व पुजारियों के साथ बैठक कर व्यवस्था तय की। तीन दिन में इन मंदिरों से सामग्री एकत्रित कर प्लांट पर पहुंचना शुरू हो जाएगी। इसके लिए ५ मिनी टीपर वाहन खरीदे गए हैं, जो प्रतिदिन निर्माल्य कलेक्शन करेंगे।
मंदिरों में चढऩे वाले फूल, पूजन सामाग्री व अन्य निर्माल्य का उपयोग का पूजन सामाग्री तैयार करने में होगा। इसको लेकर निगमायुक्त प्रतिभा पाल, एसडीएम अनिल बनवारिया ने प्रबंध समिति सदस्यों के साथ बैठक की और निर्देश दिए कि अपने रूट चार्ट बना लें। ताकी उस समय में मंदिर में निर्माल्य एकत्रित किया जा सके।

यह रहेगी निर्माल्य कलेक्शन व्यवस्था
त्रिवेणी शनि मंदिर, मंगलनाथ, कालभैरव, हरसिद्धि व चिंतामण मंदिर से निर्माल्य कलेक्शन होना है।
कलेक्शन वाहनों के लिए ड्राइवर, हेल्पर नगर निगम अपनी आउटसोर्स कंपनियों के जरिए मुहैया कराएगी।
प्रबंध समितियां मार्ग में आने वाले अन्य मंदिरों से भी निर्माल्य एकत्रित कर प्लांट पर पहुंचाएंगे।
तीन दिन में अनिवार्यत: इन वाहनों का उपयोग शुरू कर दिया जाए।

ये होगा लाभ
नई व्यवस्था से किसी श्रद्धालु की भावनाएं आहत नहीं होगी।
अब तक यहां का निर्माल्य गोंदिया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर अन्य कचरे के साथ डंप करते थे।
इससे वहां खाद तैयार होती थी, लेकिन वाहनों में इसके साथ अन्य कचरा भी ढोया जाता था।
अब पृथक वाहन होने से ये समस्या दूर होगी ।
निर्माल्य के शुद्ध होने से इससे निर्मित धूप व अगरबत्ती मंदिरों में उपयोग की जा सकेगी।
मंदिरों में स्वच्छता बनाए रखने के लिहाजा से ये व्यवस्था कारगर साबित होगी।