
Ujjain Simhastha 2028: सिंहस्थ 2028 को भव्य बनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। महाकाल लोक फेस-2 के साथ ही श्रद्धालुओं और पर्यटकों के ठहरने की बेहतरीन सुविधाओं के तहत उज्जैन में पहली बार एक मराठाकालीन इमारत को हेरिटेज होटल में बदला गया है। महाकाल मंदिर से मात्र 500 फीट की दूरी पर स्थित 'महाराजवाड़ा THE HERITAGE' 18 करोड़ की लागत से एमपीटी (MP Tourism) द्वारा तैयार किया गया है। सीएम मोहन यादव 15 फरवरी को इसका लोकार्पण करेंगे। खास बात यह है कि यह AI संचालित होटल होगा, जहां श्रद्धालु आध्यात्मिक माहौल में लग्जरी सुविधाओं का अनुभव कर सकेंगे।
मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने लगभग 18 करोड़ रुपये की लागत से इस ऐतिहासिक इमारत को एक लग्जरी हेरिटेज होटल में बदल दिया है। पहले यह इमारत एक स्कूल के रूप में उपयोग की जाती थी, लेकिन अब इसे सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस किया गया है।
होटल में कुल 19 कमरे हैं, जिनमें 9 स्वीट, 6 डीलक्स और 2 सुपर डीलक्स रूम शामिल हैं। खासतौर पर "महाराजा" और "महारानी" नामक दो विशेष सूट पूरी तरह से AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) द्वारा संचालित होंगे। इन कमरों में रोशनी, पर्दे, नल और गीजर वॉइस कंट्रोल से संचालित किए जा सकेंगे, जिससे मेहमानों को एक अनूठा डिजिटल अनुभव मिलेगा।
इस भव्य होटल के परिसर का कुल क्षेत्रफल 5000 वर्ग फीट है और इसमें तीन रेस्टोरेंट के साथ एक शानदार रूफटॉप कैफे भी बनाया गया है। यह रूफटॉप कैफे पूरी तरह एयर-कंडीशनर और कांच से कवर होगा, जिससे यहां बैठकर श्रद्धालु महाकाल मंदिर के दिव्य शिखर के दर्शन कर सकेंगे।
होटल में पारंपरिक मालवा व्यंजन भी परोसे जाएंगे, जिससे पर्यटक और श्रद्धालु उज्जैन के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्वाद का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा, रिसेप्शन लॉबी, वीआईपी लाउंज, लाइब्रेरी, पंचकर्म सुविधा, स्टेज और आध्यात्मिक पुस्तकों की दुकानें भी होंगी।
महाकाल लोक और भस्म आरती के दर्शन को आसान बनाने के उद्देश्य से यह होटल विशेष रूप से वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए तैयार किया गया है। सिंहस्थ 2028 के दौरान देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए यह होटल एक प्रमुख आकर्षण होगा। यहां एक रात ठहरने का किराया 50,000 रुपये तक हो सकता है, जो इसकी लग्जरी सुविधाओं और भव्यता को दर्शाता है।
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि यह होटल सिर्फ एक लक्जरी होटल नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करने वाला केंद्र होगा। सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए उज्जैन में इस तरह की और भी व्यवस्थाएं की जा रही हैं, जिससे आने वाले श्रद्धालु भव्य और दिव्य अनुभव प्राप्त कर सकें।
Updated on:
07 Oct 2025 10:57 pm
Published on:
13 Feb 2025 01:58 pm
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