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तड़के 3 बजे से लगने लगी श्रृद्धालुओं की भीड़, शहर के सभी मंदिरों में नजर आई धार्मिक रौनक

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उज्जैन. महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर मंगलवार सुबह से महाकाल मंदिर में भक्तों की कतारें लगने लगी। इसके साथ ही शहर के सभी मंदिरों में भगवान भेले के जयकारे लगने लगे। सुबह 4 बजे से महाकाल मंदिर के बाहर दर्शनार्थ भक्तों की कतार नजर आई तो पुलिस, प्रशासन भी उनकी सुविधा में तैनात दिखा। मंदिर प्रबंधन के अनुसार तड़के 3 बजे से मंदिर के पट खोल दिए गए थे। महाशिवरात्रि पर व्रत करने वाले भक्तों के लिए मंदिरों में खिचड़ी प्रसादी के इंताजम रहे। प्रत्येक मंदिर में ठंडाई और खिचड़ी प्रसादी ग्रहण करने के लिए भी भक्तों की लंबी कतारें नजर आई। फ्रीगंज स्थित छोटे महादेव मंदिर पर सैकड़ों भक्त दर्शन और प्रसादी के लिए सैंकड़ों भक्त कतर बद्ध रहे। सुबह ५ बजे से दर्शन तो १० बजे से प्रसादी की कतारें नजर आई।

महाशिवरात्रि की सुबह से भावनायुक्त भक्तों का धार्मिक अर्पण देख महाकाल नगरी उज्जैन में दोपहर तक भव्य छटा देखने को मिलती रही। सुबह 3 बजे जब महाकाल मंदिर के पट खुले तो सबसे पहले भस्म आरती हुई। भस्मआरती में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। पट खुलते ही भक्तों की दर्शनार्थ भागदौड़ से चार धाम मंदिर पर भगदड़ मच गई। पुलिस के मेटल डिटेक्टर और कुछ बैरिकेड्स गिर गए। इसकी पुष्टि करते हुए कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि भस्म आरती के बाद श्रद्धालुओं के लिए पट खोले गए, जिससे यह स्थिति बनी थी। यह स्थिति ज्यादा देर नहीं रही। पुलिस-प्रशासन ने व्यवस्था संभाल ली।

पुजारियों ने किया जलाभिषेक
भस्म आरती में सबसे पहले पण्डे पुजारियों ने भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया। इसके बाद पंचामृत अभिषेक पूजन में दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से अभिषेक किया गया। भांग से अद्भुत श्रृंगार किया गया। सुबह 5.30 बजे से आम भक्तों के लिए दर्शन शुरू हुए। दोपहर 12.30 बजे तक महाकाल के दर्शन करने वालों की संख्या ढाई लाख से ज्यादा बताई जा रही है।

बारह ज्योतिर्लिंगों में तीसरे स्थान पर महाकाल
देश भर में विराजित बारह ज्योतिर्लिंगों में महाकालेश् वर तीसरे स्थान पर है। पहले स्थान पर सोमनाथ(सौराष्ट्र), दूसरे नंबर पर मल्लिकार्जून(महाराष्ट्र), फिर महाकालेश्वर(मप्र) तथा चौथे क्रम में ओंकारेश् वर (मप्र) है। सभी बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन का महाकाल मंदिर दक्षिणमुखी है। साथ ही भस्म आरती की परम्परा के चलते इसका महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। देशभर से श्रद्धालु आज उज्जैन पहुंच रहे हैं। देर रात 3 बजे से मंदिर के बाहर लाइन लगनी शुरू हो गई थी। अब 2 मार्च को रात्रि की शयन आरती के बाद पट बंद होंगे।