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एक दिन भी नहीं किया प्रचार फिर भी 81 वोटों से गांव के सरपंच का जीता चुनाव

त्रिकोणीय मुकाबले में दो प्रत्याशियों को हराकर जेल में बंद प्रत्याशी ने हासिल की जीत....  

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उज्जैन. चुनावी मैदान में प्रत्याशी जीत हार के लिए पूरा जोर लगाते हैं। घर-घर दस्तक देकर वोट देने की अपील करते हैं लोगों के हाथ जोड़ते हैं। कई दिनों तक चुनाव प्रचार चलता है और तब कहीं जाकर चुनाव में जीत हासिल होती है लेकिन इससे उलट उज्जैन के एक गांव में एक ऐसा शख्स सरपंच पद का चुनाव जीत गया जिसने एक भी दिन प्रचार नहीं किया। ऐसा नहीं है कि सरपंच निर्विरोध चुना गया हो बल्कि सरपंच पद के लिए त्रिकोणीय मुकाबला था लेकिन इसके बावजूद बिना प्रचार के ही मिली ये जीत इलाके में चर्चाओं का विषय बन गई है।

बिना प्रचार के 81 वोटों से जीता चुनाव
मामला उज्जैन जिले के बड़नगर जनपद की झालरिया गांव का है जहां बीते दिनों प्रथम चरण में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में अनवर कप्तान नाम के शख्स ने सरपंच पद के चुनाव में जीत हासिल की। हैरानी की बात तो ये है कि सरपंच प्रत्याशी अनवर कप्तान 4 जून से ही जमीन विवाद के मामले में जेल में बंद है और उसने गांव में चुनाव का प्रचार तक नहीं किया था। बता दें कि पंचायत चुनाव में नामांकन करने की अंतिम तारीख 6 जून थी लेकिन 4 जून को जेल जाने से पहले ही प्रत्याशी अनवर कप्तान ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया था। जेल में रहने के कारण वो चुनाव में प्रचार तो नहीं कर पाए लेकिन बिना प्रचार के ही अनवर को गांव के लोगों ने 81 मतों से विजयी बनाकर अपना सरपंच चुना।

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पिछले कार्यकाल को देखते हुए चुनाव सरपंच
गांव वालों का कहना है कि अनवर कप्तान के पिछले कार्यकाल को देखते हुए जनता ने उन्हें अपनी पंचायत का सरपंच चुनते हुए 81 मतों से जीत दिलाई है । अनवर कप्तान अब सरपंच बन गए हैं, हालांकि अभी आधिकारिक घोषणा होना बाकी है। लेकिन अनवर को जानने वाले बताते है की अनवर ने कबड्डी में पंचायत का नाम रोशन किया है जिसके कारण ग्रामीणों में उसके प्रति सहानुभूति थी साथ ही पिछले कार्यकाल के दौरान गांव में कई विकास कार्य कराए थे जिससे ग्रामीणों का अनवर के प्रति विश्वास और बढ़ गया। जिसके चलते ग्रामीणों ने उस पर भरोसा जताया और जेल में रहने के बावजूद भी उसने जीत दर्ज की।

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