
तीन स्थानों पर लिए जाएंगे श्रद्धालुओं से मोबाइल, उनके फोटो खिंचाएंगे, क्यूआर कोड जनरेट होगा और एक टोकन दिया जाएगा, दर्शन करके वापस लौटने पर टोकन दिखाना होगा, तब ही वापस मिलेगा मोबाइल
उज्जैन. महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को 20 दिसंबर से मोबाइल ले जाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इसके लिए तीन स्थान चयनित किए गए हैं, जहां आकर श्रद्धालु अपने मोबाइल सुरक्षित रखकर निश्चिंत होकर दर्शन के लिए प्रवेश कर सकेंगे। श्रद्धालुओं के मोबाइल जमा कराए जाते समय ही उनके फोटो खिंचाएंगे, एक क्यूआर कोड जनरेट होगा और टोकन दिया जाएगा। दर्शन के बाद वापस लौटने पर टोकन दिखाकर मोबाइल वापस प्राप्त किया जा सकेगा।
फिलहाल नि:शुल्क रहेगी व्यवस्था
प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि फिलहाल श्रद्धालुओं के मोबाइल के बदले कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। लेकिन प्रबंध समिति की बैठक में निर्णय लिया गया था, इसलिए अब सख्ती से नियम लागू होगा। हर व्यक्ति या तो बिना मोबाइल लिए दर्शन करने आए, या फिर उन्हें इस प्रक्रिया के साथ गुजरकर ही दर्शन के लिए प्रवेश लेना होगा।
25 से गर्भगृह में प्रवेश होगा बंद
विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल मंदिर में 20 दिसंबर से जहां मोबाइल ले जाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। वहीं 25 से गर्भगृह में आम और खास श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी जाएगी। इसके पीछे कारण यह है कि आने वाले दिनों में छुट्टियां शुरू हो रही हैं। इस वजह से श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ काफी बढ़ जाएगी। सभी को गर्भगृह से प्रवेश देकर दर्शन कराने में असुविधा होगी, इसलिए यह निर्णय लिया जा रहा है।
महाकाल मंदिर : चतुर्वेद पारायण में सामवेद कौथुम पाठ आरंभ
महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में चल रहे चतुर्वेद पारायण के तहत 18 दिसंबर से सामवेद कौथुम पाठ आरंभ हुआ। मंदिर प्रबंध समिति व महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान एवं सहयोगी संस्था जन अभियान परिषद के तत्वावधान में 5 दिसंबर से प्रारंभ हुए सुमंगल सुजलाम जल महोत्सव में 18 दिसंबर रविवार से सामवेद कौथुम शाखा का पारायण प्रारंभ हुआ, जिसका समापन 22 को होगा। पारायण के पूर्व डॉ. जितेंद्र जामदार उपाध्यक्ष जन अभियान परिषद राज्यमंत्री दर्जा, डॉ. धीरेंद्र पांडे कार्यपालक निदेशक जन अभियान परिषद व सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने सपत्नीक पूजन-अर्चन किया। प्रशासक संदीप सोनी ने बताया 18 से 22 दिसंबर तक प्रतिदिन सामवेद की कौथुम शाखा का पारायण वेदमूर्ति ब्राह्मणों द्वारा किया जाएगा। सहा. प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी भी पूजन में शामिल हुए। इसके बाद अथर्ववेद का पारायण आरंभ होगा। चतुर्वेद पारायण का समापन 27 दिसंबर को होगा। अतिथियों द्वारा सामवेद की कौथुम शाखा का पारायण कर रहे वेदमुर्ति ब्राह्मणो का सम्मान किया गया। महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान एवं राष्ट्रीय आर्दश वेद विद्यालय के बटुक व छात्र शामिल थे। जानकारी कार्यक्रम के सहायक नोडल अधिकारी प्रशांत त्रिपाठी द्वारा दी गई।
Published on:
18 Dec 2022 10:30 pm
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