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‘प्याज’ नहीं बिका तो किसान को आया आइडिया, बना डाले ‘चिप्स’ और ‘पाउडर’, विदेशों में भी बेचा

-बाजार में कीमत नहीं मिली तो तीन माह पहले शुरू किया काम,-अब तक 850 क्विंटल प्याज की प्रोसेसिंग की, विदेशों में भी बेचा

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उज्जैन। मेहनत करने वालों के लिए कठिन राहें भी आसान हो जाती हैं। पूरे प्रदेश में जहां प्याज के अच्छे दाम न मिलने से फेंकने की खबरें आ रही हैं। वहीं उज्जैन के एक किसान ने जागरुकता दिखाते हुए प्याज का घरेलु उद्योग शुरू किया है। तीन माह पहले प्रधानमंत्री सूक्ष्म उद्योग उन्नयन योजना में शुरू किए फूड प्रोसेसिंग प्लांट में वह अब तक 850 क्विंटल प्याज की चिप्स व पाउडर बनाकर सप्लाय कर चुका है। अब तक अपने खेत की फसल बेचने वाला किसान अब बाजार से प्याज खरीद रहा है।

हम बात कर रहे हैं, भोलाखेड़ी के 40 साल के किसान सुरेश नागर की। उसने तीन माह पहले फूड प्रोसेसिंग प्लांट शुरू किया, जिसमें अब तक 850 क्विंटल प्याज की प्रोसेसिंग से चिप्स और पाउडर बनाकर मसाला उद्योग में सप्लाय कर चुका है।

फार्मा में लगती है प्याज की चिप्स

हार्ट व दमे की दवा बनाने वाली कंपनियों को प्याज के चिप्स की जरूरत होती है। खाड़ी देशों में प्याज नहीं होता, वहां प्याज के पाउडर व चिप्स की मांग रहती है। साथ ही ओनियन फ्लेवर में आने वाली आलू चिप्स व अन्य सामान में प्याज के पाउडर का इस्तेमाल होता है। सुरेश ने इसी का अध्ययन कर आगे बढ़ने की योजना बनाई। अभी गुजरात, महाराष्ट्र व दक्षिण भारत के मसाला उद्योग में प्याज के चिप्स व पाउडर बेच रहे हैं।

सरकार से मिला मदद

उद्यानिकी उप संचालक सुभाष श्रीवास्तव की माने तो राज्य सरकार ने एक जिला एक उत्पादन योजना में उज्जैन को प्याज के लिए चुना है। सुरेश ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म उद्योग उन्नयन योजना से प्रोजेक्ट पास कराया और 29 लाख का घरेलू उद्योग शुरू किया। इसमें 35 प्रतिशत सब्सिडी व बैंक ब्याज पर 3% छूट है। सुरेश ने बताया, 10 वर्ष से तीन हेक्टेयर खेत में प्याज की खेती कर रहा था। अब उन्होंने नया करनी की ठानी।