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तीन जिले की हवा से खींच रहे करोड़ों यूनिट अक्षय ऊर्जा

भारतीय अक्षय ऊर्जा दिवस आज : मालवा में सौ जगह हैं विंड एनर्जी के केंद्र

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Crores of units of renewable energy are being drawn from the wind of three districts

भारतीय अक्षय ऊर्जा दिवस आज : मालवा में सौ जगह हैं विंड एनर्जी के केंद्र

राजेश जारवाल

उज्जैन. प्रदेश के साथ मालवा में अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर भरोसा बढ़ रहा है। हवा से अक्षय ऊर्जा खींचने में उज्जैन, शाजापुर और आगर जिले में बेहतर काम हो रहा है। ७०३ मेगावॉट क्षमता के विंड मील लगे हैं, जो करोड़ों यूनिट बिजली पैदा कर रहे हैं। रविवार को भारतीय अक्षय ऊर्जा दिवस है, जिसे 2004 में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने शुरू किया था। डग-डग रोटी, पग-पग नीर वाले गहन गंभीर मालवा देस की हवाएं बिजली बनाने के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं। इसी कारण मालवा क्षेत्र में पहाड़ी इलाकों में सौ स्थानों पर हवा से बिजली बनाई जा रही है। सभी स्थानों से बिजली पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी को प्राप्त होती है, इन बिजली निर्माताओं को अनुबंध के आधार पर भुगतान पावर मैनेजमेंट कंपनी जबलपुर से किया जाता है।
शाजापुर के मोहन बड़ोदिया और मक्सी में जल्द लगेंगी पवन चक्कियां
कई कंपनियां उज्जैन, शाजापुर और आगर जिले में विंड एनर्जी यानी पवन चक्कियों से बिजली बना रही है।
उज्जैन जिला : पांच स्थानों पर विंड एनर्जी प्लांट लगे हैं, जिनकी क्षमता 107 मेगावॉट बिजली उत्पादन की है। सालभर में प्रति 1 मेगावॉट के विंड मील से 15 लाख यूनिट बिजली बनती है यानी 107 मेगावॉट बिजली से १६.०५ करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।
शाजापुर जिला : बेरछा रोड, ग्राम लाहोरी बल्डा, दुपाड़ा में विंड पॉवर के प्लांट हैं, जिसमें करीब 125 मशीनों से 250 मेगावॉट बिजली का सालभर में उत्पादन हो सकता है। मोहन बड़ोदिया और मक्सी में प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है।
आगर जिला : ग्राम महुरिया, लाडवन, करवाखेड़ी, कनखेड़ा, रातेडी, महुरिया, झालारा बड़ौद, गुडभेली, बड़ौद, कनखेड़ा, टोंकना में प्लांट है जहां 156 मेगावॉट बिजली बनाने की क्षमता है।
चौथे क्रम पर शाजापुर, छठे पर आगर और सातवें पर उज्जैन
मालवा में सबसे ज्यादा पवन ऊर्जा की क्षमता मंदसौर जिले की है, जहां 825 मेगावॉट क्षमता की विंड मील लगी हैं। इसके बाद देवास में 760 मेगावॉट, रतलाम में 635 मेगावॉट की विंड मिल हैं। मालवा में चौथे क्रम पर शाजापुर में 410 मेगावॉट, पांचवें क्रम पर धार में 213 मेगावॉट, छठे स्थान पर आगर 156 मेगावॉट और सातवें स्थान पर उज्जैन 137 मेगावॉट बिजली उत्पादन क्षमता रखता है। पवन चक्कियों के पंखे घूमने से राउटर के माध्यम से घर्षण के जरिए बिजली उत्पादन होता है। इन सभी स्थानों पर बिजली उत्पादन की अधिकतम क्षमता 3137 मेगावॉट है।


उज्जैन, आगर शाजापुर में विंड पॉवर से सालभर में बड़ी मात्रा में बिजली बनाकर कंपनी को विक्रय की जा रही है। उज्जैन जिले में 107.4, आगर जिले में 156 तो शाजापुर में 250 मेगावॉट बिजली सालभर में बनने की क्षमता है। अन्य प्रोजेक्ट शुरू होने से कुल क्षमता करीब 703 मेगावॉट हो गई है। अजय शुक्ला, विंड पॉवर ऑल एमपी इन्चार्ज


उज्जैन जिला
तहसील ग्राम विंड एनर्जी पॉवर प्लांट बिजली उत्पादन
बडऩगर लिम्बा, आरोही, खरसुद 29.4
घट्टिया तुलाखेड़ी, तेजपुर, धानखेड़ा 21
महिदपुर जलियाखेड़ी, जगोटी, बेलापुर 09
घट्टिया/महिदपुर घट्टियाा नजरपुर, जलियाखेड़ी रनखेड़ा 30
खाचरौद सुरेल, संदला 18
कुल 107.4 मेगावॉट
आगर जिला
आगर महुरिया, लाडवन 57
आगर करवाखेड़ी, कनखेड़ा 18
आगर रतेड़ी, महुरिया 56
आगर झालारा बड़ौद, गुडभेली
बड़ौद कनखेड़ा, टोकाना 25.2
कुल 156.2 मेगावॉट
शाजापुर जिला
बेरछा रोड, ग्राम लाहोरी बल्डा
कुल 250 मेगावॉट
विंड एनर्जी सेंटरों से बिजली हमारी लाइन से आगे पहुंचती है
&बिजली कंपनी गैर परंपरागत स्रोत से बिजली उत्पादन में शासन की प्राथमिकता के अनुसार पूरी तरह सहयोग करती है। विंड एनर्जी सेंटरों से बिजली हमारी लाइन के माध्यम से आगे पहुंचती है। इनके प्लांट में जो बिजली खर्च होती है, उसका बिल वे हमें देते हैं। रूफ टाप सोलर एनर्जी में भी कंपनी पूरी तरह सहयोगी बनी हुई है।
अमित तोमर, एमडी, मप्रपक्षेविविकं इंदौर