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अस्पताल में मरीजों की भीड़, काउंटर और ओपीडी छोटे पड़ने लगे

जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ लगातार बढ़ने लगी है। स्थिति यह बन रही है कि ओपीडी के समय पर्ची के काउंटर से लेकर डॉक्टर्स के चैंबर और दवा वितरण केंद्र तक मरीजों की लंगी कतार लग रही है।

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उज्जैन.
जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ लगातार बढ़ने लगी है। स्थिति यह बन रही है कि ओपीडी के समय पर्ची के काउंटर से लेकर डॉक्टर्स के चैंबर और दवा वितरण केंद्र तक मरीजों की लंगी कतार लग रही है। इससे व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं वहीं मरीजों की भी परेशानी बढ़ रही है।
कुछ वर्ष पूर्व पूर्व तक जिला अस्पताल में रोज औसत करीब ४५० मरीज अस्पताल में ओपीडी के दौरान उपचार करवाने पहुंचते थे। वर्तमान में लगभग रोज ही यह संख्या ६५० के पार रहती है। इसका असर अस्पताल की व्यवस्थाओं पर पड़ने लगा है। यहां बने ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर में तीन विंडा हैं और तीनों पर ही कक्ष के एक से दूसरे छोर तक मरीजों की कतार लगी रहती है। कई बार तो मरीज को कक्ष से बाहर आना पड़ता है। ऐसी स्थिति अन्य स्थानों की भी रहती है। इससे कई बार विवाद की स्थिति भी बनती है।
धूप और बारिश में बिना शेड खड़े रहते मरीज
जिला अस्पताल परिसर में ही दवा वितरण केंद्र हैं। वितरण काउंटर के आगे करीब १५ फीट का शेड है। लगभग रोज ही यहां मरीजों की इतनी लंबी लाइन लगती है कि कई मरीजों को शेड के अंदर खड़े होने की जगह ही नहीं मिलती। ऐसे में कई लोगों को गर्मी और बारिश के मौसम में भी शेड के बाहर खड़े रहना पड़ता है।
संक्रमण फैलने का खतरा
पंजीयर काउंटर, दवा वितरण केंद्र या चिकित्सकों के चैंबर के बाहर मरीजों की इतनी भीड़ रहती है कि पर्याप्त दूरी के साथ खड़े होने की जगह ही नहीं मिल पाती है। ऐसे में वे मरीज जो संक्रमण फैलने वाली किसी बीमारी से ग्रसीत हैं, उनके कारण दूसरों को भी संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।