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महाकाल सवारी: भक्तों की उमड़ी भीड़, दर्शन कर भाव विभोर हो गए श्रद्धालु

कई किलोमीटर मार्ग में बाबा पर हुई फूलों की बारिश  

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उज्जैन. कोरोना प्रतिबंधों में छूट के बाद बाबा महाकाल की सवारी परंपरागत मार्ग से निकली. अगहन मास के सोमवार को बाबा श्री चंद्रमोलेश्वर स्वरूप में पालकी में विराजित होकर भक्तों को दर्शन देने पहुंचे. बाबा का दर्शन पाने के लिए भक्तों का हुजूम उमड पडा था. सात किलोमीटर लंबे सवारी मार्ग पर बाबा की पालकी पर फूलों की बारिश होती रही. लंबे समय बाद बाबा को नजदीक से देखकर भक्त भाव विभोर हो उठे.

कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो साल से बाबा की सवारी परिवर्तित छोटे मार्ग से निकाली जा रही थी. कोरोना प्रतिबंधों में छूट के बाद भक्त सवारी को पुराने मार्ग से ही निकाले जाने की मांग कर रहे थे. इसी के मददेनजर मंदिर प्रशासन ने बाबा की सवारी को पुराने मार्ग से निकालने का निर्णय ले लिया था.

रोक हटी तो उमड़ी भक्तों की भीड़
कार्तिक अगहन माह में चार सवारी निकाली जाती हैं जिनमें यह तीसरी सवारी पारंपरिक मार्ग पर निकाली गई। कोरोना संक्रमण के प्रतिबंध हट जाने से सवारी में महाकाल के भक्त खुलकर शामिल हुए। मार्च 2020 से लॉकडाउन लग जाने के बाद से ही महाकाल की सवारी छोटे रूट से निकल रही और उनमें श्रद्धालुओं को शामिल होने की इजाजत भी नहीं थी।

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सोमवार को जब पारंपरिक मार्ग पर सवारी निकली तो दो साल पहले जैसा ही नजारा दिखाई दिया। भक्तों को तो इंतजार ही था कि कब प्रतिबंध हटे और वे बाबा के निकट से दर्शन कर सके। जैसे ही यह मौका मिला महाकाल के नजदीक से दर्शन करने के लिए लोग उमड़ पड़े. पूरे 2 साल बाद महाकाल की सवारी में इतनी भीड़ उमड़ी.