
उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले की तहसील नागदा खाचरोद में बेटियों की ऐसी करतूत (fraud) सामने आई कि आप भी पढ़कर हैरान रह जाएंगी। दरअसल जिले की दो बेटियों ने अपने पिता की प्रॉपर्टी अपने नाम करवाने के लिए पिता को मरा हुआ साबित कर दिया। नकली (fraud) प्रॉपर्टी पेपर बनवाए और प्रॉपर्टी अपने नाम करवा ली। मामले का पता चलते ही पिता ने न्यायलय की शरण ली। यहां न जानें कितनी और किन-किन मुश्किलों का सामना करते हुए आखिरकार वह अपने जिंदा होने का सबूत देने में कामयाब हो गए। अब आगे की कार्यवाही के लिए न्यायालय ने बेटियों और पिता इन दोनों ही पक्षों को 29 नवंबर (fraud) को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं।
यहां पढ़ें पूरा मामला
गौरतलब है कि 15 साल पहले पत्नी से लड़ाई-झगड़े के बाद पति मांगीलाल घर छोड़कर चला गया था। 15 साल तक पिता घर नहीं लौटा। इस दौरान 15 साल से घर से लापता पिता को किसी ढूंढने की कोशिश तक नहीं की। इसके बजाय (fraud) पिता की प्रॉपर्टी हड़पने के लिए उसकी ही दो बेटियों ने उसकी मौत का षड्यंत्र (fraud) रच दिया। उन्होंने षडयंत्र रचते हुए ऐसा दस्तावेजी प्रमाण तैयार किया कि 21 नवंबर 2019 को निचली अदालत ने भी यह मान लिया कि मांगीलाल की मौत हो चुकी है। बेटियो ने प्रॉपर्टी के लिए नकली दस्तावेज (fraud) तैयार करवाए और प्रॉपर्टी अपने (fraud) नाम करवा ली।
ऐसे सामने आया बेटियों का षडयंत्र
बेटियों के झूठ (fraud) की पोल तब खुली जब बांसवाड़ा (राजस्थान) में मजदूरी कर रहे मांगीलाल को पता चला कि उसे मृत मानकर सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया गया है। मामला (fraud) पता चलते ही पिता मांगीलाल जब वापस लौटा तो बेटियो ने उसे बहुरूपिया तक कह डाला।
न्यायालय की शरण में गया पिता
हालात से मजबूर (fraud) हुए इस पिता ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय में उपस्थित होकर उसने अपने जीवित होने के प्रमाण दिए। हालांकि इसके लिए उसे लंबा सफर तय करना पड़ा। लेकिन, खुद को जिंदा साबित (fraud) करने के लिए उठाए गए उनके कदम कामयाबी की मंजिल पा गए। इसके बाद कागजों में मृत घोषित मांगीलाल को हाल ही में खाचरौद के अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीश अभिजीत सिंह ने जिंदा घोषित किया है। अब इस मामले में व्यवहार न्यायालय द्वारा 2019 में दिए गए फैसले को भी अमान्य घोषित कर 29 नवंबर को दोनों पक्षों को मौजूद रहने का आदेश दिया गया है।
15 साल मजदूरी करता रहा पिता
(fraud) उज्जैन के खाचरौद तहसील के ग्राम कमठाना निवासी मांगीलाल पिता हीरालाल पाटीदार पत्नी से लड़ाई-झगड़े के बाद घर छोड़कर बांसवाड़ा राजस्थान चला गया था। (fraud) यहां वह मजदूरी कर अपना जीवन जी रहा था।
Updated on:
12 Nov 2022 12:12 pm
Published on:
12 Nov 2022 12:11 pm
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