
इस्कॉन मंदिर की रथ यात्रा बुधवारिया से शुरू होकर इस्कॉन मंदिर पहुंची
धार्मिक शहर में मंगलवार को दो-दो रथ यात्राएं निकाली गईं। भगवान जगन्नाथ के जयकारों से पूरा नगर गूंज उठा। हाथों में सोने की झाडू से भगवान की राह बुहारते और रथ की रस्सी खींचते भक्त चले जा रहे थे। सबसे पहली रथ यात्रा इस्कॉन मंदिर की निकली, जो कि बुधवारिया टंकी चौक से आरंभ हुई। रास्तेभर यात्रा पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
उज्जैन. यात्रा दोपहर 1.30 बजे पूजा अर्चना व अभिषेक शृंगार के साथ शुरू हुई। इसमें उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, निगम सभापति कलावती यादव, बालयोगी उमेशनाथ महाराज सहित इस्कॉन मंदिर से जुड़े देश-विदेश के सैकड़ों भक्त शामिल हुए। इसी प्रकार दोपहर 3 बजे के बाद कार्तिक चौक स्थित खाती समाज की रथ यात्रा जगदीश मंदिर से आरंभ होकर प्रमुख मार्गों से होती हुई, पुन: मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई। रास्तेभर यात्रा पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
भगवान जगन्नाथ के रथ के आगे घोड़ों को सुसज्जित किया गया। विशेष पुष्पों से सजे हुए रथ में आकर्षक पौशाक में भगवान ने नगर भ्रमण किया। रथ हाइड्रोलिक सिस्टम से युक्त था, जिससे शिखर की ऊंचाई भूमि से 18-20 फीट से उठाकर 35-37 फीट की जा सकती है। रथ यात्रा के जुलूस में ताशा-पार्टी, नगर निगम का टैंकर सड$क साफ करते हुए चला। डीजे, घोड़े, हाथी, बैलगाडिय़ों में कृष्ण लीलाओं में सजे-धजे बच्चे, प्रसाद वाहन, कीर्तन और नृत्य करते महिला-पुरुषों की मंडली, रथ, प्रसाद वाहन, पीने के पानी का टैंकर, आकस्मिक उपचार हेतु एम्बुलेंस तथा अंत में स्वच्छता का संदेश देते इस्कॉन भक्त यात्रा में हुए कचरे को उठाते चल रहे थे।
यह था यात्रा मार्ग
रथ यात्रा का मार्ग बुधवारिया से कंठाल, नई सड$क, दौलतगंज, मालीपुरा, देवासगेट, चामुंडा माता चौराहा, ओवर ब्रिज, टावर, तीन बत्ती, देवास रोड, इस्कान तिराहे से शाम लगभग 6.30 बजे इस्कॉन मंदिर भरतपुरी पहुंचे। यहां पूजा-आरती उपरांत गुण्डिचा में भगवान विराजेंगे।
सात दिन रुकेंगे गुंडीचा में
भगवान जगन्नाथ जी इस्कॉन मंदिर स्थित गुण्डिचा में 7 दिन तक रहेंगे। यहां उनकी प्रसन्नता के लिए कथा, अष्टकालिक पूजा, 56 भोग, आरती और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन पूरे सप्ताह चलेगा।
रथ में विराजे भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र, बहन सुभद्रा
अखिल भारतीय चन्द्रवंशीय क्षत्रिय खाती समाज के तत्वावधान में मंगलवार को जगदीश मंदिर कार्तिक चौक से दोपहर 3 बजे रथ यात्रा निकाली गई। यह आयोजन विगत 115 वर्ष से होता आ रहा है। रथ में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र, बहन सुभद्रा विराजमान हुए। श्रद्धालुओं ने अपने हाथों से रथ को खींचा। यात्रा जगदीश मंदिर कार्तिक चौक से प्रारंभ होकर पुन: जगदीश मंदिर पहुंची, जहां महाआरती हुई। यात्रा मार्ग में तोरण द्वार, स्वागत द्वार, स्वागत मंच लगाए गए। अनेक जगह फल, रस, दूध, छाछ, ठंडा पानी पिलाया गया। भगवान जगन्नाथ की कई स्थानों पर आरती उतारी गई। यात्रा में 1200 गांवों से भक्तजन बड़े हर्षोल्लास के साथ शामिल हुए। अनेक गांवों से भजन मंडलियां, अखाड़े, भजन गायक आए थे। यात्रा मार्ग में भगवान जगन्नाथ का भात वितरित किया एवं धाकड़ धर्मशाला में महाप्रसाद (भोजन) व्यवस्था की गई। जानकारी खाती समाज के कार्यकारी राष्ट्रीयअध्यक्ष राजेन्द्र देथलिया द्वारा मीडिया प्रभारी अरुण पटेल ने दी।
वापसी रथ-यात्रा 28 जून को निकलेगी
28 जून को वापसी रथ यात्रा होगी, जिसमें पुन: भगवान को रथ में भक्तों के समूहों द्वारा दोपहर 4 बजे नृत्य-कीर्तन कर रथ को खींचते हुए बिरला हॉस्पिटल, ट्रेजर बाजार, सी-21 मॉल के सामने से इंदौर रोड होते हुए काला पत्थर, बसंत बिहार, आनंद नगर, सर्किट हाउस, पॉलीटेक्निक कॉलेज से इस्कॉन तिराहा होते हुए शाम लगभग 6 से 7 के बीच नागझिरी इस्कॉन मंदिर पहुंचेंगे। अनेक देशी-विदेशी भक्त शामिल होंगे।
Published on:
21 Jun 2023 01:41 am
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