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महाशिवरात्रि: महाकाल दर्शन पाने के लिए डेढ़ किमी चलना होगा पैदल, की गई हैं ये व्यवस्थाएं

- 25 हजार श्रद्धालुओं का दर्शन कराने के इंतजाम में जुटा प्रशासन

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उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिलिंग धार्मिक नगरी जिसे हर कोई अलग अलग नामों से भी जानता है। देशभर के बारह ज्योतिर्लिंगों में 'महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग' की इस नगरी का अपना एक अलग महत्व है, क्योकि यहां बाबा महाकाल को तांत्रिक क्रिया अनुसार, दक्षिण मुखी पूजा प्राप्त है और विश्व भर में बाबा ही दक्षिण मुख में विराजमान है। महाशिवरात्रि के दिन बाबा महाकाल के दर्शन के लिए प्रसाशन तैयारियों में जुटा हुआ है।

महाकाल के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को कम से कम डेढ़ किमी तक पैदल चलना होगा। बाबा के दर्शन में भी डेढ़ घंटे से अधिक समय लगेगा। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की दो कैटेगरी बनाई है। एक सामान्य दर्शन वाले और दूसरे पासधारी व शीघ्र दर्शन वाले श्रद्धालु। शीघ्र दर्शन वाले वो श्रद्धालु हैं जो 250 रुपए का टिकट लेकर दर्शन करेंगे। शीघ्र दर्शन वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर आठ से प्रवेश दिया जाएगा। जबकि सामान्य दर्शन वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर एक से प्रवेश मिलेगा।

दर्शनार्थियों को भगवान के 28 घंटे तक सतत दर्शन होंगे। 11 मार्च को सुबह 6 बजे से दर्शन का सिलसिला शुरू होगा, जो 12 मार्च को सुबह 10 बजे तक चलेगा। इसी दिन साल में एक दिन दोपहर में होने वाली भस्मारती तो होगी, लेकिन पहली बार इसमें दर्शनार्थियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। महाशिवरात्रि पर एक लाख श्रद्धालुओं के उज्जैन आने का अनुमान है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर दर्शनार्थियों के लिए 24 घंटे खुला रहेगा। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को कोविड-19 के प्रावधानों का पालन करना होगा। मास्क और हाथ सैनिटाइज करने की अनिवार्यता के साथ ही दर्शनार्थियों की थर्मल स्क्री¨नग होगी।