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कठिनाई आई, पर नहीं हारी हिम्मत, अपने जिले के लिए बटोर रहे पदक

डेढ़ साल में राज्य स्तरीय स्पर्धा से पदक लेकर लौटे खिलाड़ी, जिद ने दी उज्जैन को एकेडमी की सौगात

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उज्जैन. मार्च २०१६, क्षीरसागर एरिना। यहां उज्जैन के लोगों ने पहली बार लाइव बॉक्सिंग देखी। राज्य स्तर पर आयोजित इस टूर्नामेंट की खास बात यह थी कि इस टूर्नामेंट में अन्य जिलों से खिलाड़ी खेल तो रहे थे, परंतु उज्जैन में टूर्नामेंट आयोजित होने के बाद भी यहां उज्जैन का कोई खिलाड़ी अपने पंच का दम नहीं दिखा पा रहा था। कारण था कि उज्जैन में बॉक्सिंग का कोई खिलाड़ी नहीं था। इस टूर्नामेंट के लगभग डेढ़ साल बाद अन्य जिलों में आयोजित हुई राज्य स्तरीय स्पर्धा में न सिर्फ उज्जैन के खिलाडि़यों ने शिरकत की बल्कि वहां से पदक लेकर भी लौटे। और यह संभव हो सका है पेशे से अभिभाषक यशवंत अग्निहोत्री की जिद के कारण।

टूर्नामेंट आयोजित

उज्जैन में मार्च २०१६ में जब उन्होंने टूर्नामेंट आयोजित कराया तो उन्हें अहसास हुआ कि इस टूर्नामेंट में उज्जैन का कोई खिलाड़ी नहीं है। टूर्नामेंट आयोजित कराने के ३ माह बाद ही उन्होंने १६ जून को मक्सी रोड पर बॉक्सिंग एकेडमी की शुरुआत की। कुछ समय तक तो एकेडमी को खिलाड़ी ही नहीं मिले। इसके बाद विश्वविद्यालय परिसर में एकेडमी को प्रारंभ किया और यहां खिलाड़ी पहुंचने लगे। उज्जैन में एकेडमी स्थापित होने के बाद यह भी हुआ कि आसपास के जिलों से भी खिलाड़ी यहां आकर अभ्यास कर रहे हैं।

अपने जिले के लिए बटोर रहे पदक
एक समय था कि उज्जैन में बॉक्सिंग का कोई खिलाड़ी नहीं था। एकेडमी स्थापित होने के डेढ साल बाद ही करीब ९ खिलाड़ी राज्यस्तरीय स्पर्धा में रजत और कांस्य पदक प्राप्त कर चुके हैं। यशवंत अग्निहोत्री के प्रयासों से खिलाडि़यों को एक नया आयाम मिला है और वे एकेडमी में न सिर्फ अपनी प्रतिभा निखार रहे हैं, बल्कि प्रदेश और अपने जिले के लिए पदक भी बटोर रहे हैं।

कई कठिनाई आई, पर नहीं हारी हिम्मत
यशवंत अग्निहोत्री का कहना है कि शुरुआत में बॉक्सिंग एकेडमी की स्थापना के लिए उन्हें जगह ही नहीं मिल रही थी। काफी प्रयासों के बाद स्थान मिल सका। उसके बाद खिलाड़ी उपलब्ध नहीं हो रहे थे। खिलाड़ी आए तो कोच की व्यवस्था नहीं हो रही थी। यशवंत अग्निहोत्री ने निजी खर्च पर एनआईएस कोच को बुलाकर खिलाडि़यों को अभ्यास करवाया। खिलाडि़यों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की रिंग उपलब्ध करवाई।

खिलाडि़यों ने किया सपना पूरा
उनका कहना है कि खिलाडि़यों ने उनके सपनों को अपनी मेहनत से पूरा किया है। वर्तमान में खिलाड़ी राज्य स्तर तक पहुंचे हैं और आगे भी बढ़ते रहेंगे। उनका सपना अब राष्ट्रीय स्तर पर उज्जैन के खिलाडि़यों के मुक्कों का दम दिखाना है और उसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी वे उज्जैन के खिलाडि़यों को ले जाने के लिए लगातार प्रयास करते रहेंगे।