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किसानों से करोड़ों रूपए लेकर हुए फरार, दो कंपनी की तलाश

किसानों ने जनसंवाद में बताई पीड़ा तो सांसद ने एसपी से की बात ...किसानों की समस्या के लिए माधवनगर थाना को बनाया नोडल थाना

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किसानों से करोड़ों रूपए लेकर हुए फरार, दो कंपनी की तलाश

उÓजैन. ग्रामीण क्षेत्र में किसानों के खेत पर पॉली हाउस बनाने के लिए गुजरात की दो निजी कंपनियों ने रुपए एंठें और दो करोड़ से Óयादा रुपए लेकर इनके कर्ताधर्ता फरार हो गए। कई दिनों बाद जब किसानों ने खुद को ठगा महसूस किया तो वे शनिवार को सांसद चिंतामणि मालवीय के जनसंवाद में लोकशक्ति कार्यालय पहुंचे। किसानों ने बताया कि प्रभावी बॉयोटेक कंपनी एवं नाफा फाइनेंस कंपनी के प्रतिनिधियों ने कई गांव के किसानों को आधुनिक खेती के सब्जबाग व सब्सिडी का लाभ दिखाकर करोड़ों रुपए ठग लिए। क्षेत्रीय स्तर पर थानों में सुनवाई नहीं होने पर बडऩगर, महिदपुर, नागदा, शाजापुर, देपालपुर आदि क्षेत्र के दर्जनों किसान सांसद के पास पहुंचे। जिस पर उन्होंने एसपी सचिन अतुलकर को फोन कर अवगत कराया। इस पर शनिवार शाम को धोखेबाज कंपनियों और उनके कर्ताधर्ताओं के खिलाफ माधवनगर थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। करीब दो दर्जन से Óयादा किसानों ने पुलिस को बताया कि डेढ़ करोड़ रुपए से Óयादा की धोखाधड़ी की है। इसी तरह देवास रोड के आधा दर्जन किसानों ने भी कंपनी के खिलाफ 75 लाख रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत की है। जिसमें फिलहाल जांच की बात कही जा रही है।

इनके खिलाफ प्रकरण दर्ज
प्रभावी बायोटेक कंपनी भोपाल के भरत पटेल, एजेंट ओम पटेल, विजय चौहान, हेमंत जायसवाल, शिवनारायण चौहान, घनश्याम परमार, रईस एवं नाफा फाइनेंस गुजरात के खिलाफ धारा 420 में प्रकरण दर्ज किया है।

माधवनगर थाना में किसान करें शिकायत
एसपी ने इस तरह की शिकायतों के लिए थाना माधवनगर को नोडल थाना बनाया है। जहां किसान अपनी शिकायतें लेकर पहुंच सकते हैं। जनसंवाद दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना, बीमारी उपचार के लिए वित्तीय सहायता, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, बिजली विभाग, जलसंसाधन, पीएचई विभाग सहित शासकीय भूमि पर कब्जे व मनरेगा संबंधी शिकायतें सांसद के पास पहुंचीं। कुछ में सांसद ने हाथोहाथ दूरभाष लगाकर संबंधितों को निर्देश दिए तो कुछ शिकायत पत्र के साथ विभागों में जरूरी कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी। यांत्रिकी, नगरपालिक निगम, आर्थिक सहायता, शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे, मनरेगा आदि से संबंधित आवेदकगण सम्मिलित हुए जिनके निराकरण के लिए सांसद द्वारा तत्काल फोन पर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश प्रसारित किए गए।