
उज्जैन. बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में रविवार को अचानक बाढ़ गई, सड़कों पर जमकर पानी बहने लगा, जिससे कई रास्ते जाम हो गए, लोगों को आवाजाही करने के लिए दूसरे रास्तों का उपयोग करना पड़ा, सडक़ों से बहता हुआ पानी रामघाट होते हुए सीधे क्षिप्रा नदी में जाकर मिल रहा था, ये नजारा जिसने भी देखा वह हैरान था कि आखिर बिन बारिश ये बाढ़ कैसे आ गई।
दरअसल मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में रविवार को सुबह रूद्र सागर से लेकर रामघाट तक की सड़क पर ऐसे पानी बह रहा था, जैसे भर बारिश में बाढ़ आ गई हो, दरअसल महाकाल लोक की तरह रूद्र सागर फेस-2 का काम चल रहा है, ऐसे में रविवार को रूद्र सागर का पानी विकास के चलते छोड़ा गया था, ऐसे में रूद्र सागर के पानी के साथ ही वहीं समीप स्थित रामानुज कोट के समीप स्थित नाले का पानी भी रूद्र सागर के पानी में मिल गया, ऐसे में जमकर सडक़ पर पानी बहने लगा, गंदा पानी सडक़ों पर बहने से ऐसा लग रहा था, जैसे बाढ़ आ गई हो, पानी स्पीड से निकलने के कारण कई रास्तों पर जाम लग गया था, आवाजाही बंद हो गई और लोग वाहनों से भी इस रूट पर नहीं निकल पा रहे थे।
बताया जा रहा है कि रामानुज कोट के समीप में रूद्रसागर की पाइप लाइन डल रही है, वह रविवार सुबह करीब 10.30 बजे चालू हो गई, जिसका पानी सड़कों पर जमकर बहने लगा, इसी पानी में वहीं स्थित एक गंदे नाले का पानी भी मिल गया, ऐसे में नाले का गंदा पानी और रूद्र सागर का पानी एक साथ सडक़ों पर बह कर सीधे रामघाट पहुंच गया और पूरा पानी क्षिप्रा नदी में मिल गया, ऐेसे में गंदा पानी क्षिप्रा नदी में मिलते देख वहां नहाने आए लोग भी खड़े खड़े देखते रह गए। ये घटनाक्रम करीब 1.30 घंटे तक चला, जिसके बाद पानी रूका तो सडक़ों पर गदंगी ही गंदगी नजर आने लगी।
गंगा दशहरा से पहले क्षिप्रा में गंदा पानी
इसी माह 30 मई को गंगा दशहरा है, इस पर्व पर क्षिप्रा स्नान करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, चूंकि गंगा दशहरा से पहले क्षिप्रा नदी में गंदा पानी मिल गया है, जिसके कारण नदी का पानी भी गंदा-गंदा नजर आने लगा है, ऐसे में कैसे गंगा दशहरा पर लोग स्नान करेंगे चिंता का विषय है।
Updated on:
21 May 2023 02:56 pm
Published on:
21 May 2023 01:33 pm
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