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video पर्यटन को बढ़ावा व दिव्यांग बच्चों के लिए पहली बार सरोवर किनारे माच

कभी गेम्स, कभी डांस तो कभी बोटिंग... दिव्यांग बच्चों के लिए यह समय शायद उनकी जिंदगी के चुनिंदा अविस्मरणीय पलों में से थे।

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उज्जैन. हरियाली से पटी सड़क, ग्रामीण परिवेश, नीले पानी से लबालब उंडासा सरोवर और इस खूबसूरत माहौल में कभी गेम्स, कभी डांस तो कभी बोटिंग... दिव्यांग बच्चों के लिए यह समय शायद उनकी जिंदगी के चुनिंदा अविस्मरणीय पलों में से थे। उनके कोमल दिल में यही चाह थी कि ये दिन कभी न बीते। उद्देश्य तो पंचक्रोशी मार्ग को पर्यटन के लिए प्रमोट करने का था, लेकिन जो खुशी दिव्यांग बच्चों के चेहरे पर छाई, आयोजकों की मेहनत का अमूल्य प्रतिफल साबित हुई।

प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक धरोहर से सुसज्जित पंचक्रोशी मार्ग के टूरिस्ट सर्किल के रूप में विकसित होने की अपार संभावनाएं एक बार फिर सामने आई हैं। पत्रिका सरोकार के अंतर्गत मनोविकास विशेष विद्यालय द्वारा रविवार को पंचक्रोशी मार्ग पर राइडिंग आयोजित की गई। सुबह ९ बजे जवाहरनगर स्थित स्कूल से शुरू हुई राइडिंग में राइडर अमन मिश्रा व उनकी टीम बाइक से शामिल हुए वहीं बच्चे, स्कूल स्टॉफ और वालेंटियर ने बसों से मार्ग का भ्रमण किया। इस दौरान सभी लोग न सिर्फ प्रकृति की गोद में पहुंच आनंदित हुए बल्कि ग्रामीण परिवश व संस्कृति से भी रूबरू हुए। भ्रमण के बाद दोपहर में सभी उंडासा सरोवर पहुंचे। तालाब किनारे माच की प्रस्तुति हुई वहीं मनोविकास स्कूल के बच्चों ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए अपनी कला प्रदर्शन किया। अनूठे आयोजन ने सिर्फ बच्चे ही नहीं बड़ों के चेहरे भी खिला दिए। इस दौरान सभी तालाब किनारे खुली हवा में मालवी भोज दाल-बाफले का लुत्फ भी उठाया।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अमन मिश्रा के साथ ही राइडर डॉ. निश्चल यादव, हार्दिक सुराणा, ईश्वर आडवाणी, नावेद खान, शुभम आदि ने आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फोटोग्राफर निखिलेशसिंह ने प्रकृति की छटा के बीच हुए इस आयोजन के दृश्य कैमरे में कैद किए, जिन्हें सोशल मीडिया के जरिए प्रचारित कर पर्यटन को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। मनोविकास विद्यालय के फॉदर जॉस ने बताया, यह राइडिंग बच्चों के लिए पहला अनुभव थी, जिसमें उन्होंने जिंदगी के कई रंग देखे हैं।

कलाकारों ने मोहा मन
दिव्यांग बच्चों के लिए कुछ संस्थाओं ने भी अपनी विशेष सेवा दी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुति दे मालव प्रेम नाट्य कला केंद्र ने उंडासा तालाब पर माच किया। यह पहला मौका था जब उंडासा पर माच का आयोजन हुआ। माच गुरु सिद्ेश्वर सेन व संचालक अनिकेत सेन ने यह आयोजन किया। कलाकार प्रेमकुमार सेन, बाबूलाल देवड़ा, चंपालाल संतसंगी, कमल चंदेल, दिलीप चौहान, विष्णु चौहान, सोहनी पंवार, गायत्री पंवार, चित्रांश उखले ने प्रस्तुति दी।

कैंपिंग ने दिया पर्यटन लुक
उंडासा तालाब सहित पंचक्रोशी मार्ग पर आकर्षक कैपिंग व आयोजन किए जा सकते हैं, आयोजन के माध्यम से इसका प्रदर्शन भी हुआ। प्रमोशन के उद्देश्य से समीर टेंट हाउस की ओर से उंडासा तालाब पर नि:शुल्क टेंट भी लगाए गए थे। यहां की गई कैंपिंग ने पर्यटन का अलग ही लुक दिया।

सेवा भाव से की ड्यूटी
राइडिंग को लेकर कलेक्टर संकेत भोंडवे ने उंडासा सरोवर आवश्यक व्यवस्था के निर्देश दिए थे। होमगार्ड कमांडेंड सुमंत जैन ने तालाब पर मोटर बोट, सेफ्टी गार्ड, सुरक्षा बल आदि के इंतजाम करवाए। सुरक्षा दल के सैनिक अंबाराम नागर, आशीष दीवान, मुंशी खान, जितेंद्र भदौरिया, राजेश मालवीय, भेरुलाल मालवीय, मोहम्मद सफी, उमेश, अंसार मोहम्मद, भगवानदास आदि ने न सिर्फ चाक चौबंद सुरक्षा की बल्कि सेवा भाव से दिव्यांग बच्चों और वालेंटियर को सरोवर की सुरक्षित सेर भी कराई। बच्चों के लिए यह अनुभव अविस्मरणीय था।