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Ganesh Chaturthi: ये हैं उज्जैन के बड़े गणेश, नए स्वरूप में देंगे भक्तों को दर्शन

अतिप्राचीन व शहर की सबसे बड़ी प्रतिमा पर रंग-रोगन किया गया है। यह प्रतिमा फिर से नए स्वरूप में नजर आने लगी है।

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Ganesh Chaturthi 2022 bada ganesh mandir ujjain

अतिप्राचीन व शहर की सबसे बड़ी प्रतिमा पर रंग-रोगन किया गया है। यह प्रतिमा फिर से नए स्वरूप में नजर आने लगी है।

उज्जैन. गणेश चतुर्थी के अवसर पर उज्जैन के बड़े गणेश मंदिर में स्थापित अतिप्राचीन व शहर की सबसे बड़ी प्रतिमा पर रंग-रोगन किया गया है। यह प्रतिमा फिर से नए स्वरूप में नजर आने लगी है। गणेश चतुर्थी पर आने वाले भक्तों को इस नए स्वरूप के दर्शन होंगे।
महाकाल मंदिर के समीप स्थित बड़े गणेश मंदिर में आलीशान प्रतिमा का नया स्वरूप नजर आ रहा है। श्रद्धालुओं को यहां स्थापित मूर्ति के नए रूप का दर्शन होगा। गणेश चतुर्थी का पर्व बुधवार को आ रहा है। पूरा देश इस दिन विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता भगवान श्रीगणेश की प्रतिमाएं अनेक स्थानों पर विराजमान होंगी। इस बार पत्रिका ने मिट्टी के गणेश की प्रतिमाओं को घर-घर सृजन और घर-घर विसर्जन की थीम पर बच्चों व विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है। संस्था रूपांतरण के सहयोग से हर दिन बड़ी संख्या में प्रशिक्षण दिया गया।

पत्रिका आह्वान...घर-घर सृजन, घर-घर विसर्जन
500 से अधिक बच्चों ने बनाई मिट्टी के गणेश की प्रतिमाएं
- शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों के अलावा कॉलेजों में दिया प्रशिक्षण
अपने हाथों से मिट्टी के गणेश बनाने का दौर अंतिम चरण में है। सोमवार को अलग-अलग संस्थाओं, स्कूल-कॉलेज के ५०० से अधिक बच्चों ने प्रथमेश की प्रतिमा को आकार देने का कार्य किया। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों को भी जोड़ा गया।
पत्रिका के घर-घर सृजन, घर-घर विसर्जन...के आह्वान पर सामाजिक एवं जनकल्याण संस्था रूपांतरण ने अपना भी सहयोग प्रदान किया है। संस्था के डायरेक्टर राजीव पाहवा ने बताया सुबह उत्कृष्ट विद्यालय में 115 बच्चों ने प्रशिक्षण लिया। यहां प्राचार्य प्रमोद अग्रवाल, अजय श्रीवास्तव एवं शशांक शुक्ल के सानिध्य में रूपांतरण से प्रशिक्षण प्राप्त 20 मास्टर ट्रेनर के मार्गदर्शन में प्रतिमाएं बनाई गईं। साई विहार में किड्स एकेडमी में लगभग 60 बच्चों को प्रशिक्षण दिया गया। यहां इंदु राई, अमन बारोठ, अभिषेक शेरे ने प्रतिमा आकार देना सिखाया। हिमांशु व्यास, प्रीति व्यास एवं जितेंद्र शर्मा ने सहयोग किया। साइंस कॉलेज के 40 विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण लिया। प्राचार्य अर्पण भारद्वाज ने बच्चो का मिट्टी के गणेश की महत्ता बताई। इसके बाद शा. उमावि. लेकोड़ा के 80 बच्चों को निवेश गुप्ता के मार्गदर्शन में सिखाया गया। डॉ. शशि जोशी मैडम के साथ गए दल ने लेकोड़ा में प्रशिक्षण दिया। सरस्वती शिशु मंदिर ऋषिनगर के 80 विद्यार्थियों ने शिक्षकों के साथ प्रशिक्षण प्राप्त किया।