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जीवन में बहुत आगे बढ़ो..तरक्की करो..लेकिन मां-बाप को भूलना नहीं

विक्रम विश्व विद्यालय के 26वें दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति ने युवाओं को दिया सुझाव

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Vikram university Ujjain 26 th Dikshant samaroh

Vikram university Ujjain 26 th Dikshant samaroh

उज्जैन.
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, गुड़ी पड़वा 2 अप्रेल को विक्रम विश्वविद्यालय का 26वां दीक्षांत समारोह आयाजित किया गया। आयोजन विवि के स्वर्ण जयंति सभागार में सुबह 11.30 बजे से आयोजित किया गया, जिसमें १५५ विद्यार्थियों को उपाधि एवं मेडल प्रदान किए गए। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति व प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा, विद्यार्थियों आपने जो कामयाबी पाई है उसे कायम रखना और जीव में बहुत आगे बढ़ो.. बहु त प्रगति करो.., लेकिन मां-बाप को कभी नहीं भूलना। मातृभूमि में आपका बहुत अच्छी तरह लालन-पालन हुआ है। कभी ऐसा काम ना हो जाए, जिससे मातृभूमि पर लांछन लगे। मुझे भरोसा है कि आज जो प्रतिज्ञा ली है वह एक दिन के लिए नहीं 365 दिन के लिए है। मुझे यह जानकर प्रसन्न्ता है कि विक्रम विवि की शिक्षण व्यवस्था में वैदिक अध्ययन को लेकर विज्ञान एवं अधिकतम शाखाओं पर अध्ययन हो रहा है। प्रारंभिक व अधुनिक विषयों के सुंदर व सामंजस्य के साथ शैक्षणिक कार्यक्रम के स्त्रोत व नवाचारों का समावेश करना सराहनीय है। आज श्रीकृष्ण के साथ गरीब सुदामा को एक जैसी शिक्षा दिलाने वाले विक्रम विश्वविद्यालय को वैश् िवक पहचान दिलाने की जरूरत है।
दीक्षांत समारोह के प्रारंभ में कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने स्वागत भाषण दिया, जबकि सारस्वत अतिथि नोबेल पुरस्कार प्राप्त कैलश सत्यार्थी ने दीक्षांत भाषण दिया। दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव उपस्थित रहे, जबकि विशेष अतिथि के रूप में सांसद अनिल फिरोजिया व विधायक पारसचंद्र जैन मौजूद रहे। कुल सचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक ने अतिथियों का स्वागत किया, वहीं संचालन कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमाश शर्मा ने किया। इस दीक्षांत समारोह में विक्रम विवि के अलावा प्रदेश के तीन और विश्वविद्यालय के कुलपति उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह में विवि कार्यपरिषद के सभी सदस्य भी उपस्थित रहे, जिन्होंने कुलाधिपति का स्वागत भी किया।

231 में से 155 ने ली उपाधि
विक्रम विवि के 26वें दीक्षांत समारोह हेतु पात्र 231 विद्यार्थियों में से पंजीयन केवल 155 ने करवाया था, जिन्हें दीक्षांत समारोह में उपाधि व मेडल प्रदान किए गए। पात्र विद्यार्थियों में पीएचडी शोधार्थी 146, डीलिट शोधकर्ता 2, स्नातक स्तर पर गोल्ड मेडल प्राप्तकर्ता 23 एवं स्नातकोत्तर स्तर पर गोल्ड मेडल एवं डिग्री प्राप्त करने वाले पात्र विद्यार्थी 60 हैं। इनमें से 155 दीक्षार्थियों ने ही पंजीयन करवाया, जिनमें स्नातक स्तर के 11, स्नातकोत्तर स्तर के 32, पीएचडी के 110 एवं डीलिट हेतु 2 दीक्षार्थी शामिल हुए।

70 मिनट के कार्यक्रम में नहीं मिला पानी
सभागार में 70 मिनट से बैठे रहे दीक्षार्थी, विवि का स्टाफ और गणमान्य नागरिक गर्मी के इस मौसम ें पानी का इंतजार करते रहे। हालांकि सभागार के बाहर पेयजल की व्यवस्था रखी गई, लेकिन दीक्षांत समारोह के बीच उठकर जाना उचित नहीं होने से प्रतिभागी और उपस्थित कंठ गीला करने के लिए समारोह समाप्त होने का इंतजार करते रहे।

सख्त रही पुलिस की जांच
दीक्षांत समारोह में राज्यपाल के प्रोटोकाल को लेकर पुलिस की सख्त पहरेदारी रही। दीक्षांत समारोह के स्वर्ण जयंति सभागार में जाने से पहले पुलिस ने अपने स्तर पर जाने वालों की बारिकी से जांच की और उनके टोकन भी देखे।