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उज्जैन में इन सड़कों से जाने का मतलब है… मुसीबत

सीवर लाइन खोदकर छोड़ी, अब रहवासी परेशान, गड्ढों में फंस रहे वाहन, घरों के सामने कीचड़ व गंदगी फैली, दो-तीन दिन बाद भी सड़क की रिपेयरिंग नहीं

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Going through these roads in Ujjain means ... trouble

सीवर लाइन खोदकर छोड़ी, अब रहवासी परेशान, गड्ढों में फंस रहे वाहन, घरों के सामने कीचड़ व गंदगी फैली, दो-तीन दिन बाद भी सड़क की रिपेयरिंग नहीं

उज्जैन. सीवरेज प्रोजेक्ट अंतर्गत खोदी जा रही सड़कों को दोबारा हाथोंहाथ नहीं भरना शहरवासियों के लिए मुसीबत बन रहा है। जिन क्षेत्रों में लाइन बिछाई जा रही है, वहां आवाजाही तो प्रभावित हो ही रही है, क्षेत्रवासियों का अपने घरों में से आना-जाना दूभर हो रहा है। इधर बारिश ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है। हाल यह है कि इन सड़कों से जाने का मतलब है कि नई मुसीबत मौल लेना।

सीवर लाइन की खुदाई के चलते राजस्व कॉलोनी के रहवासी भी कुछ दिनों से परेशानी झेल रहे हैं। सीवर लाइन बिछाने के लिए करीब एक सप्ताह पूर्व यहां कुछ सड़कों के बीच खुदाई की गई थी। पाइप लाइन बिछाने के दो-तीन दिन बाद भी सड़क की रिपेयरिंग नहीं की गई है। टाटा कंपनी द्वारा सड़क दुरस्तीकरण के नाम पर सिर्फ गड्ढों में थोड़ी मिट्टी भर दी गई है। एेसे में जहां चैंबर बने हैं, वहां मिट्टी दबने के बाद बड़े गड्ढे हो गए हैं। इसके अलावा पूरी लाइन पर ही छोटे-बड़े गड्ढे बन गए हैं। काम अधूरा छोडऩे से सड़क के हाल इतने खस्ता हो गए हैं कि आए दिन गड्ढों में वाहन फंसने की समस्या आ रही है। दो दिन पूर्व ही क्षेत्रीय रहवासी आर्यमन नारंग की कार चैंबर के गड्ढे मेंं फंस गई थी जिसे उन्हें दूसरे वाहन के जरिए निकलवाना पड़ा।

गंदगी के बीच आने-जाने को मजबूर

पाइप लाइन डालने के बाद सड़क को ठीक से रिपेयर न करते हुए महज मिट्टी से गड्ढे भरे जा रहे हैं। मिट्टी थोड़े से वजन से ही धंस रही है और सड़क का लेवल बिगड़ गया है। सोमवार को हुई बारिश के कारण स्थिति और भी खराब हो गई है। जहां पाइप बिछाए गए हैं, वहां बड़े गड्ढे होने के साथ ही सड़क पर कीचड़ व गंदगी पसर गई है। एेसे में लोगों को गंदगी के बीच से आना-जाना पड़ रहा है।

आना-जाना मुश्किल हो रहा है

दीपावली के पहले सीवर लाइन के लिए सड़क खोदी गई थी। पाइप लाइन डालने के बाद सड़क का दोबारा ठीक से निर्माण नहीं किया गया है, जिससे आना-जाना मुश्किल हो गया है। दो दिन पहले मेरी कार गड्ढे में फंस गई थी जिसे मुश्किल से निकलवाया गया। - आर्यमन नारंग, क्षेत्रवासी