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शैलेष व्यास@उज्जैन. सिख समाज के गुरुदेव गुरुनानकजी भारत यात्रा के दौरान उज्जैन आए थे। उन्होंने 2 दिन के प्रवास के दौरान इमली के वृक्ष के नीचे बैठ कर तीन शबद किए थे। जिन का उल्लेख गुरु ग्रंथ साहब में है। इसके अलावा गुरुनानक देव ने भर्तृहरि के शिष्य से संवाद भी किया था। इसी ऐतिहासिक स्थल पर गुरुद्वारे का निर्माण किया जा रहा है। यहां फिलहाल १२ घंटे का लंगर संचालित हो रहा है। आने वाले समय में २४ घंटे का लंगर चलेगा।
भारत में उज्जैन ही एक ऐसा शहर है, जहां नदी किनारे सिख समुदाय के गुरुद्वारे का निर्माण कार्य चल रहा है। करीब एक अरब रुपए की लागत से ५ से ७ वर्ष में पूर्ण होने वाला गुरुनानक गुरुद्वारा आने वाले दिनों में पांच राज्यों के लिए सिख समाज की धार्मिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र होगा।
मोक्षदायिनी शिप्रा के किनारे जहां अनके मंदिर और देवालय हैं तो मौलाना मौज की मजार भी है। इसे सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक ही कहेंगे कि शिप्रा किनारे गुरुनानक घाट के साथ सिखों के गुरुदेव गुरुनानक गुरुद्वारा भी है। उज्जैन सिख समाज के जत्थेदार सुरेंद्रसिंह अरोरा के अनुसार करीब ६ बीघा क्षेत्र में निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसमें निर्माण को लेकर प्रमुख तौर पर उस हॉल पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जहां गुरुग्रंथ साहब प्रकाशवान होंगे। इसका निर्माण अंतिम चरण में है। यहां हॉल के साथ लंगर हॉल, २० कक्ष और स्टॉफ क्वाटर्स निर्माणाधीन हैं। गुरुनानक गुरुद्वारा में संत भूरीवाले कश्मीरसिंह द्वारा कारसेवा की जा रही है। एक अनुमान के अनुसार आने वाले ५ से ७ वर्षो में गुरुद्वारा एक अरब रु. की लागत से पूर्ण आकार में आ जाएगा।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंध समिति के अधीन
जत्थेदार सुरेंद्रसिंह अरोरा ने बताया कि शिप्रा किनारे ऐतिहासिक महत्व के वर्तमान स्थान पर गुरुद्वारा फ्रीगंज की ओर से गुरुद्वारे की योजना तैयार की गई थी। इस स्थान की खोज उदासीन संत महामंडेश्वर ईश्वरदास महाराज ने की थी। निर्माण के लिए जत्थेदार सुरेंद्र सिंह अरोरा ने कुछ समय पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से आग्रह किया था। प्रबंध समिति के तात्कालीन प्रमुख अवतार सिंह मक्कड़ नीतिगत व्यवस्था के तहत गुरुद्वारे का निर्माण शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को सौंपने का सुझाव दिया था। इसी क्रम में गुरुद्वार फ्रीगंज गुरुद्वारे की ओर से एक रु. की रजिस्ट्री पर गुरुनानक गुरुद्वारा विकास और निर्माण के लिए जमीन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को सौंप दी। गुरुद्वारे के कुछ हिस्से का निर्माण हो चुका है और अन्य निर्माण कार्य जारी है।
उज्जैन का सातवां गुरुद्वारा
उज्जैन में है ६ गुरुद्वारे हैं। इसमें गुरुसिंघ सभा गुरुद्वारा दूध तलाई, गुरुद्वारा फ्रीगंज, गुरुद्वारा पटनी बाजार, माता गुजरी गुरुद्वारा गीता कॉलोनी, गुरुद्वारा नानाखेड़ा और गुरुद्वारा भैरवगढ़ हैं। सातवां शिप्रा किनारे गुरुनानक घाट पर गुरुनानक गुरुद्वारा के रूप बन रहा है।
गुरुनानक देव के प्रकाश पर्व पर नगर कीर्तन
सिख पंथ के प्रथम गुरु गुरुनानक देव का प्रकाश पर्व पर शनिवार को विभिन्न धार्मिक आयोजन होंगे। दोपहर को नगर कीर्तन निकाला जाएगा। गुरुनानक देव का प्रकाश पर्व गुरुद्वारा फ्रीगंज पर धूमधाम से मनाया जाएगा। गुरुद्वारा के अध्यक्ष सरदार चरणजीत सिंह कालरा एवं जत्थेदार सुरेंद्र सिंह अरोरा ने बताया कि शनिवार को गुरुनानक देव का प्रकाश पर्व रहेगा। सुबह ९ बजे अखंड पाठ साहिब की समाप्ति के बाद गुरुवाणी कीर्तन होगा। गुरुद्वारा फ्रीगंज से नगर कीर्तन दोपहर २ बजे से प्रारंभ होकर माधव नगर चिकित्सालय, गुरुनानक मार्केट, शहीद पार्क, टॉवर चौक, प्रियदर्शनी चौराहा होते हुए पुन: गुरुद्वारे पहुंचेगा। रात्रि ९ बजे गुरुवाणी कीर्तन होगा। गुरुनानक देव के प्रकाश समय रात्रि १.३० बजे आतिशबाजी होगी।
Published on:
04 Nov 2017 11:53 am
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