
Half March passed, administration did not get the line of new guidelin
उज्जैन. वर्ष २०१८-१९ के लिए संपत्तियों के सरकारी मूल्य निर्धारण का काम इस वर्ष पिछड़ गया है। मार्च का महीना आधा बीत गया है, लेकिन अभी तक तहसीलों से रिपोर्ट नहीं आ सकी और न ही नई दरों का निर्धारण हो सका है। दरअसल ऑनलाइन रजिस्ट्री के चलते संपत्तियों के मूल्य के आंकड़े ही भोपाल से नहीं मिलने से यह स्थिति बनी है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि १ अप्रैल से नई गाइडलाइन लागू नहीं हो पाएगी।
जिले में संपत्तियों के निर्धारण की प्रक्रिया जनवरी-फरवरी से ही शुरू हो जाती है। तहसीलों से कृषि, गैर कृषि, आवासीय व व्यावसायिक संपत्तियों के पिछले वर्ष हुई रजिस्ट्री के आधार पर नई दरें मंगवाई जाती हैं। इन आंकड़ों को एकजाई कर नई गाइड लाइन की दरें तय होती हैं। इस बार यह काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है, जबकि मार्च का महीना आधा बीत गया है। रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारी बता रहे हैं कि नई गाइडलाइन में यह देरी भोपाल स्तर से रजिस्ट्रियों के आंकड़े नहीं मिलने के कारण रुकी पड़ी है। दरअसल ऑनलाइन रजिस्ट्री के कारण पिछले वर्ष में हुई रजिस्ट्री का आंकड़ा भोपाल में है। ऐसे में किन क्षेत्रों में कितनी अधिक कीमत में रजिस्ट्री हुई है, इसका पता ही नहीं चल पा रहा है। लिहाजा जब तक यह आंकड़े पता नहीं चलते, नई गाइडलाइन का निर्धारण नहीं हो सकेगा। ऐसे में आशंका है कि १ अप्रैल से नई गाइडलाइन लागू नहीं हो पाएगी। इसके समय पर नहीं बनने से १ अप्रैल के बाद रजिस्ट्री का काम भी कुछ दिनों के लिए थम सकता है।
सॉफ्टवेयर डलने में लगेंगे चार-पांच दिन
नई गाइड लाइन बनती भी है तो उसे लागू होने में भी चार-पांच दिन का समय लग जाता है। नई दरों को संपदा सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाता है। इसमें ही चार-पांच दिन का समय लगता है। पिछले वर्ष भी १ अप्रैल से गाइड लाइन लागू हो गई लेकिन रजिस्ट्री का काम सप्ताह भर बाद ही शुरू हो पाया था।
सर्वर जाम से पहले करवा लें रजिस्ट्री
भरतपुरी पंजीयक एसोसिएशन के सचिव सुरेंद्र मरमट ने कहा कि जो लोग २५ मार्च के बाद रजिस्ट्री करवाने की सोच रहे हैं वह अभी करवा लें। आने वाले दिनों में भीड़ बढ़ेगी और ऑनलाइन पंजीयन में सर्वर जाम या धीमे चलने की समस्या आएगी। वहीं अप्रैल के बाद नई गाइड लाइन लागू होने से दरों में बढ़ोतरी हो जाएगी।
यह है गाइड लाइन बनने की प्रक्रिया
नई गाइडलाइन की प्रक्रिया अभी नहीं हो पाई है। भोपाल से ही हमें रजिस्ट्रियों के आंकड़े नहीं मिल पाए हैं। कोशिश है कि १ अप्रैल सेे ही नई गाइडलाइन लागू करें। लोगों को किसी समस्या से बचने के लिए मार्च में ही रजिस्ट्रिी करवा लें।
मंजूलता पटेल, जिला पंजीयक, पंजयीन विभाग
Published on:
19 Mar 2018 06:37 pm
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