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Flood In MP: भारी बारिश से क्षिप्रा नदी में बाढ़, कई मंदिर डूबे

सावन की झड़ी से 24 घंटे में 1.7 इंच बारिश: गंभीर डैम लबालब, निचली बस्तियों में जलजमाव की स्थिति बनी...>

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उज्जैन/भोपाल। उज्जैन और उसके आसपास जारी भारी बारिश के बाद क्षिप्रा नदी में बाढ़ आ गई है। कई निचले इलाके जल मग्न हो गए हैं। गुरुवार सुबह भी कई निचले इलाकों में पानी भरा हुआ था। क्षिप्रा के तटवर्ती घाट और मंदिर जलमग्न हो गए हैं। प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। इधर, शिवराज सरकार ने भोपाल में बाढ़ नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है।

दो दिन की सावन की झड़ी और इंदौर में झमाझम से तीन साल बाद क्षिप्रा के बड़े पुल पर पानी आ गया। इससे कई क्षेत्रों में घर और दुकानों में पानी घुस गया। सावन के जाते-जाते जो झड़ी लगी, उसने चौबीस घंटे में 1.70 इंच पानी बरसाया। इंदौर में भारी बारिश के चलते यशवंत सागर के गेट खोलने पड़े, जिससे उज्जैन में भी बुधवार को गंभीर डैम का जलस्तर बढ़ गया। गंभीर डैम के भी 3 गेट खोलना पड़े।

बता दें कि अभी मानूसन के ढाई महीने बीते हैं और डेढ़ माह शेष है। इस सीजन में अगस्त माह की वर्षा भारी नजर आ रही है। पिछले दो दिन से हो रही झमाझम बारिश के चलते बुधवार को क्षिप्रा का पानी बड़े पुल पर पहुंच गया। इससे आसपास की निचली बस्तियों में पानी भर गया और वहां के लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू करना पड़ा। निगम की कंट्रोल टीम के साथ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर खड़े रहकर डूब प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पहुंचाया। बता दें कि पिछले 48 घंटों में 94.4 मिलीमीटर(3.71 इंच) बारिश हुई, जिसके साथ इंदौर में हुई भारी वर्षा का पानी गंभीर तक पहुंच गया। वहीं उज्जैन की बारिश से दो दिन में क्षिप्रा का जलस्तर भी अपेक्षा से अधिक बढ़ गया।

इधर, जल नियंत्रण के लिए बुधवार को गंभीर डैम के तीन गेट खोलना पड़े। मौसम विभाग की मानें तो आज व कल दो दिन और तेज बारिश के आसार हैं। इसे देखते हुए विभाग ने इंदौर के साथ उज्जैन को भी अति भारी वर्षा के क्षेत्र में बताया और 115.6 मिमी से अधिक वर्षा का अनुमान जाहिर किया है।

24 घंटों में पौने दो इंच बरसा पानी

कभी धीमी, कभी सामान्य और कभी तेज हो रही लगातार बारिश से पिछले 24 घंटों में पौने दो इंच वर्षा हो चुकी है। आसमान से तेज गति से बरसे पानी के कारण कई क्षेत्रों में अफरा-तफरी मच गई। मौसम विभाग के पूर्वानुमान पर जाएं तो अगले चौबीस घंटे और भारी नजर आ रहे हैं, जिनमें होने वाली घटनाओं से बचने के लिए प्रशासनिक तैयारियों की परीक्षा होगी।

गंभीर डैम भी लबालब

इस सीजन में पहली बार बुधवार को गंभीर डैम के गेट खोले गए। रात से सुबह तक गंभीर में इतना पानी आया कि पहली बार में ही डैम के 6 में से तीन गेट खोलना पड़े। जलस्तर मेंटेन करने के लिए डैम से कुल 6 मीटर गेट खोल लगातार पानी आगे की ओर बहाना पड़ा। डैम में इतना पानी आ चुका है, पूरे वर्ष शहर की प्यास बुझाई जा सकती है।

बारिश के लंबी खेंच से अब तक गंभीर डैम अपनी पूरी क्षमता से नहीं भर पाया था। दो दिन से बादलों के डेरे और इंदौर-उज्जैन में हो रही जोरदार बारिश ने कुछ घंटों में डैम को पानी को लबालब कर दिया। मंगलवार देर रात इंदौर के यशवंत सागर डैम के गेट खोला गया। गंभीर में पानी की आवक तेजी से बढऩा शुरू हो गई। इधर, उज्जैन और गंभीर नदी के कैचमेंट एरिया में हुई बारिश से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा। नतीजतन सुबह करीब 7 बजे गंभीर डैम के गेट क्रमांक 3 व 4 को एक-एक मीटर खोला गया। पीएचई कार्यपालन यंत्री राजीव शुक्ला ने बताया कि सुबह 8 बजे डैम का तीसरा गेट, गेट क्रमांक 2 भी एक मीटर खोला गया। इसके बाद पानी की आवक जारी रही।

डैम प्रभारी कार्यपालन यंत्री आरके चौबे ने बताया कि तीन गेट एक-एक मीटर खोलने पर भी डैम में पानी की बढ़ोतरी जारी थी। लेवल मेंटेन रखने के लिए दोपहर 12.30 बजे बाद तीनों गेट को दो-दो मीटर तक खोला गया था। इससे 2021 एमसीएफटी पर डैम का लेवल मेंटेन रखा गया। बता दें कि डैम की कुल क्षमता 2250 एमसीएफटी है।