mahakal
उज्जैन। महाकाल के प्रति श्रद्धालुओं की अपार श्रद्धा किसी से नहीं छुपी है। ऐसा ही एक वाक्या शनिवार को भी देखने को मिला। श्री महाकालेश्वर मंदिर में झारखंड से आए संजीव कुमार पिता स्व. परमानन्द प्रसाद एवं उनकी माताजी सूरत प्यारी ने पत्नी स्व. रश्मि प्रभा के लगभग 17 लाख के आभूषण महाकालेश्वर भगवान को दान स्वरूप प्रदान किए, जिसका वजन लगभग 310 ग्राम हैं। आभूषणों में बड़ा हार सोने का 1 नग, हार छोटा 1 नग, 1 नग माला, चूड़ी 2 नग, 2 नग कंगन, 4 नग (जोड़) कान के टाप्स, 1 नग कुण्डल, 1 नग अंगूठी शामिल हैं।
बताया कि बहू रश्मि प्रभा भगवान महाकाल की भक्त थी। कई बार वो भगवान महाकाल के दर्शन करने आ चुकी हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से वे गंभीर रूप से बीमार थीं। बहू की अंतिम इच्छा थी कि उनके गहने महाकाल मंदिर में दान किए जाएं, सौभाग्यवती की इस अंतिम इच्छा को पूरा करने का करवाचौथ से अच्छा अवसर नहीं हो सकता था। इसलिए शनिवार को मंदिर आकर गहने दान किए हैं।
जिंदगी हसरतों का नाम है, उम्मीदों का नाम है। हर कोई किसी न किसी हसरत को लिए जिंदगी जीता है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी अंतिम इच्छा बताकर शरीर छोड़ते हैं। ऐसी ही एक झारखंड निवासी रश्मिप्रभा ने की थी कि मेरी मृत्यु के बाद मेरे सभी गहने महाकाल मंदिर में दान कर देना। पति ने अपनी पत्नी की इच्छा का सम्मान किया और महाकाल मंदिर पहुंचकर करीब 17 लाख के गहने दान किए।
Published on:
24 Oct 2021 01:47 pm
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