विजयादशमी पर रावण दहन की परंपरा पर रोक लगाने की मांग की गई है। जिसके संदर्भ में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को एक पत्र भी लिखा गया है।
इस शहर में उठी मांग
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से रावण दहन पर रोक लगाने की मांग की गई है। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी मुकेश शर्मा और अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सीएम मोहन को पत्र लिखकर ये मांग उठाई है। उनका कहना है कि रावण दहन कर हर साल लाखों ब्राह्मणों का अपमान किया जाता है। द्वापर युग में माता सीता के हरण की घटना के चलते आज तक ब्राह्मणों की भावना को ठेस पहुंचाया जाता है।
जो अपराधी है उनके पुतले जलाओ
आज के समय में उन लोगों के पुतले दहन करने चाहिए जो अपराधी है। जो मां-बेटियों के साथ अत्याचार करते है, उनकी हत्या कर देते है ऐसे व्यभिचारियों के पुतले जलाने चाहिए। रावण ने भले ही माता सीता का हरण किया था लेकिन किसी भी तरह का आपराधिक कृत्य नहीं किया। माता को अशोक वाटिका में पूरी व्यवस्था के साथ रखा। इससे रावण के विवेक और ज्ञान का पता चलता है। रावण ने माता सीता का हरण इसलिए किया ताकि वह अपने कुल का भगवान राम के हाथों उद्धार कर सके। लेकिन देश में इसको लेकर हर समय ब्राह्मणों का अपमान किया जाता है।’