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डेढ़ माह बाद भी नहीं ढंके जा सके नेताओं के नामों के शिलालेख

मामला कोर्ट परिसर का : आचार संहिता का हो रहा है उल्लंघन

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नागदा. लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लगे डेढ़ माह से ज्यादा का समय बीतने को आया, लेकिन अभी तक कोर्ट परिसर में लगे नेताओं के नामों का शिलालेख पर किसी भी अधिकारी की नजर नहीं पड़ी है। यह शिलालेख अभी भी आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे है। खास बात यह है कि जिस कोर्ट परिसर में यह शिलालेख स्थायी रूप से लगे हुए है, वहां से एसडीएम और तहसीलदार आदि के कार्यालय महत 10 कदम की दूरी पर स्थित है।
किसी ने भी इन शिलालेखों को ढंकने का काम नहीं किया गया है। बार रूम की दीवार पर लगे शिलालेख पर जहां भाजपा के पूर्व विधायक लालसिंह राणावत एवं तत्कालीन नपाध्यक्ष विमला चौहान का नाम दर्ज है। जबकि कोर्ट भवन की दीवार पर लगे शिलालेख पर मौजूदा केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत, सांसद चिंतामणि मालवीय सहित भाजपा के दो पूर्व विधायकों के नाम दर्ज है।
सबसे बड़ी बात यह है कि यह दोनों शिलालेख ऐसे स्थान पर लगे हैं, जहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग आते है और उनकी नजर इन शिलालेखों पर पड़ रही है। आचार संहिता के तहत चुनाव आयोग पैनी नजर रखते हुऐ हर ऐसी प्रचार सामग्री को हटवा या ढंकवा रहा है जिससे किसी एक दल या व्यक्ति को विशेष फायदा मिलता हो।
ऐसे में जिस अधिकारी के हाथ में क्षेत्र में आचार संहिता को पालन कराने की जिम्मेदारी है उसकी नाक के नीचे ही शिलालेखों का इस तरह नहीं ढंका जाना समझ के परे है। हालांकि मामले में एसडीएम आरपी वर्मा को जब इसकी जानकारी दी गई तो उन्होंने तत्काल शिलालेखों को ढंकवाने की बात कही है।
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पारा पहुंचा 43 पर, पांच दिन में 6 डिग्री का इजाफा
नागदा. अप्रैल के आखिरी दिनों में सूरज के तीखे तेवरों ने लोगो को परेशान कर दिया है। पिछले पांच दिनों के तापमान पर ही नजर डाले तो करीब 6 डिग्री तक तापमान में वृद्धि देखी गई है। बुधवार को ही चिलचिलाती धूप एवं भीषण गर्मी से लोग बिलबिला उठे। अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। सुबह से ही सूरज के तीखे तेवरों ने लोगों को घर से निकलना मुश्किल कर रखा था। गर्मी से बचने के लिए कई तरह के जतन करने के बाद भी लोगों को राहत नहीं मिल सकी थी। वैसे तो अप्रैल माह की शुरुआत से ही मौसम की तल्खी का खेल शुरू हो गया था। जैसे-जैसे दिन बीतते गए मौसम की गर्मी में भी इजाफा देखा गया। हालांकि इस बीच दो-तीन दिनों तक मौसम ने करवट ली और बारिश और आंधी के कारण लोगों को गर्मी से कुछ राहत जरूर मिली थी, लेकिन उसके बाद भी सूरज ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया, जिससे लोगों में हालाकान की स्थिति पैदा कर दी है। सुबह के वक्त मौसम मे थोड़ी नरमी होती है, लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता है गर्मी के तीखे तेवरों से लोग परेशान होने लगते है।
बुधवार को तो गर्मी के हालात इस कदर रहे की खुले आसमान के निचे कुछ पल भी खड़ा होना संभव नही हो पा रहा था। सूरज की तिखी और तेज किरणों से बचने के लिए लोग छांव तलाश करते नजर आए, वहीं ज्यादातर लोग घर में ही दुबकने को मजबूर हो गए। बहुत जरूरी काम से निकलना भी पड़ा तो गर्मी से बचने के लिय मुंह पर गमछा आदि बांधकर निकले। हालांकि दोपहर के समय सडक़ों पर इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए। शाम 6 बजे बाद मौसम और धूप में नरमी के बाद लोग घरों से निकले। तब कहीं जाकर बाजार में चहल-पहल देखी गई। मौसम विशेषज्ञों की माने तो आने वाले कुछ दिनों तक और लोगों को गर्मी से राहत मिलने की संभावना नहीं है। तापमान का पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पार जाने की उम्मीद जानकारों द्वारा जताई जा रही है।
स्कूली बच्चों की बढ़ रही है फजीहत
गर्मी से सबसे अधिक फजीहत अगर झेलना पड़ रही है तो वह है स्कूली बच्चे को। हालांकि शहर के ज्यादातर स्कूल तो गर्मी को देखते हुए छुट्टी घोषित कर दी गई है, लेकिन ग्रेसिम उद्योग द्वारा संचालित सभी स्कूल अभी भी संचालित किए जा रहे है, जिसमें पढऩे वाले बच्चों को 43 डिग्री की भीषण गर्मी में स्कूल जाना पड़ रहा है।