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कार्तिक पूर्णिमा: 18 फीट लंबे रथ में पुष्कर से उज्जैन पहुंचे ब्रह्माजी-सावित्री

शहर भर में हुआ पूजन, स्वागत-सैकड़ों भक्तों ने किए दर्शन, चारधाम मंदिर पर महामंडलेश्वर शांतिस्वरूपानंद महाराज ने ब्रह्माजी-सावित्रीजी का पूजन अभिषेक कर आरती की।

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kartik purnima Rath Yatra from Pushkar reaches Ujjain

शहर भर में हुआ पूजन, स्वागत-सैकड़ों भक्तों ने किए दर्शन, चारधाम मंदिर पर महामंडलेश्वर शांतिस्वरूपानंद महाराज ने ब्रह्माजी-सावित्रीजी का पूजन अभिषेक कर आरती की।

उज्जैन। तीर्थराज पुष्कर (राजस्थान) स्थित ब्रह्माजी मंदिर से कार्तिक पूर्णिमा (१९ नवंबर) के लिए निकली ब्रह्माजी-सावित्रीजी की रथयात्रा मंगलवार को उज्जैन पहुंची। चारधाम मंदिर पर महामंडलेश्वर शांतिस्वरूपानंद महाराज ने ब्रह्माजी-सावित्रीजी का पूजन अभिषेक कर आरती की। इस दौरान सैकड़ों भक्तों ने दर्शन लाभ लिए।


यात्रा के मीडिया प्रभारी डीपी भाईजी ने बताया नर्मदा किनारे स्थित सत्यधाम शक्तिपीठ के प्रमुख पं. गोरेलाल शर्मा द्वारा संतों व वेदाचार्यों के सानिध्य में देवप्रबोधिनी एकादशी पर ब्रह्मा-सावित्री की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कर विवाह आयोजित किया। तत्पश्चात जगत माता-पिता की प्रतिमा रथ में विराजित कर रथ पुष्करराज के लिए रवाना हुआ, जो मंगलवार 16 नवंबर को धर्मधानी नगरी उज्जैन पहुंचा। यहां त्रिवेणी, टॉवर चौक, देवासगेट होता हुआ रथ चारधाम मंदिर पहुंचा, जहां भगवान का पूजन किया गया।

सृष्टि के रचियता के गुणगान के लिए निकाल रहे रथ यात्रा
सृष्टि के रचियता जगत माता-पिता ब्रह्मा सावित्री की महिमा का गुणगान करने के लिए प्रथम ऐतिहासिक रथ यात्रा पं. गोरेलाल शर्मा द्वारा निकाली जा रही है। उन्होंने बताया भगवान जगन्नाथजी की रथयात्रा की तरह प्रतिवर्षानुसार ब्रह्माजी की रथयात्रा की परंपरा विकसित कर तीर्थ पुरोहितों एवं भक्तों द्वारा निकाली जाएगी। पूर्णिमा तक त्रिपुरारी उत्सव मनाया जाएगा, जो 18 नवंबर को पुष्कर सरोवर के घाट क्षेत्र में यात्रा निकाल महाआरती एवं महाप्रसादी वितरण के साथ संपन्न होगा। जिसमें 5 हजार से भी अधिक साधु संत, ब्राह्मण एवं भक्तजन शामिल होंगे।

11 क्विंटल लकड़ी से बना, अष्टधातु की प्रतिमाएं हैं विराजित
रथ चंदन, सागौन सहित अन्य बहुमूल्य 11 क्विंटल लकड़ी से बना है, जो 18 फीट लंबा, 8 फीट चौड़ा व 13 फीट उंचा है, इसे विशेष कारीगरों ने 4 माह में तैयार किया है। इसके निर्माण में लगभग 12 लाख खर्च हुआ, जिसमें ब्रह्मा-सावित्री की अष्टधातु से बनी 3 लाख कीमती प्रतिमाएं विराजित की गई।


जगह-जगह हुआ स्वागत
यात्रा के उज्जैन में पहुंचते ही स्वामी नारायण मंदिर (शनि मंदिर) इंदौर रोड पर यात्रा का स्वागत किया गया। वहीं टॉवर चौक पर सर्वब्राह्मण समाज द्वारा, रेलवे स्टेशन पर विश्व हिंदू परिषद द्वारा, चारधाम मंदिर पर महामंडलेश्वर शांतिस्वरूपानंद द्वारा, रामानुजकोट मंदिर में स्वामी रंगनाथाचार्य द्वारा, बडऩगर रोड पर दंडी स्वामी आश्रम पर स्वामी सोहनलाल, अभा ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष सुरेन्द्र चतुर्वेदी, पं. वासुदेव शास्त्री, रामराज्य गौशाला द्वारा रथ का पूजन कर स्वागत किया गया।