16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

महाकाल मंदिर में वीआइपी सुविधा के लिए अब लाना होगा यह पत्र

टेलीफोन की सूचना पर नहीं होंगे महाकाल दर्शन और भस्म आरती , शुरुआत न्याय विभाग से

2 min read
Google source verification
patrika

letter,Mahakal Temple,new order,VIP Facility,

उज्जैन. महाकाल मंदिर में दर्शन और भस्म आरती में शामिल होने की विशेष सुविधा के लिए अब टेलीफोन पर सूचना नहीं चलेगी। इसके लिए विधिवत पत्र प्राप्त होने पर ही प्रोटोकॉल, वीआइपी/वीवीआइपी की सुविधा दी जा सकेगी। खास बात यह है कि नइ व्यवस्था की शुरुआत न्याय विभाग से की गई है।
महाकाल मंदिर में अक्सर वीआइपी का आगमन होता है। इनके दर्शन, अभिषेक और भस्म आरती में शामिल होने की सूचना ज्यादातर फोन पर मंदिर समिति और प्रशासन को मिलती है। इससे मंदिर की व्यवस्था बनाने और वीआइपी को प्रोटोकॉल व अन्य सुविधा देने में परेशानी होती है। इसे ध्यान में रखकर आगमन की सूचना विधिवत पत्र द्वारा मिलने पर प्रोटोकॉल व अन्य सुविधा देने का निर्णय लिया गया है। इसकी शुरुआत न्याय विभाग से की गई है। आने वाले दिनों में सभी विभागों और प्रोटोकॉल की इच्छुक संस्था/संगठनों को इस व्यवस्था का पालन करना होगा।
कलेक्टर ने प्रशासक को दिए निर्देश
महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए न्यायालय के अतिथियों को प्रोटोकॉल की सुविधा के संबंध में कलेक्टर ने महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक को पत्र के माध्यम से निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि न्यायाधीशों एवं इससे जुड़ी सेवाओं के अधिकारियों का महाकाल दर्शन के लिए आगमन होता है। इसकी सूचना फोन के माध्यम से मंदिर समिति को प्राप्त होती है। महाकाल मंदिर में सुगम दर्शन व्यवस्था के लिए निर्देशित किया जाता है कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, रजिस्ट्रार, जिला एवं सत्र न्यायालय उज्जैन की ओर से न्यायाधीशों और न्यायालयीन सेवाओं से जुडे़ अधिकारियों को भस्म आरती, अभिषेक, पूजन, विशेष पूजन, वीआइपी/वीवीआइपी दर्शन के संबंध में पत्र प्राप्त होने पर ही विशेष प्रोटोकॉल सुविधा प्रदान की जाए।
चर्चा के बाद लिया निर्णय
महाकाल मंदिर की प्रोटोकॉल दर्शन व्यवस्था को लेकर कुछ दिनों पूर्व ही कलेक्टर मनीष सिंह ने औपचारिक चर्चा में बताया था कि व्यवस्था को लेकर कुछ निर्णय लिए हैं। इसके लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश से भी सहमति लेकर उक्त निर्देश जारी किए गए हैं। भविष्य में इस तरह की पत्र व्यवस्था सभी के लिए लागू होगी।