6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ना ब्लू प्रींट दिखा रहे.. ना डीपीआर का पता, भवन हस्तातंरण में ८२ लाख रुपए का पेंच

माधव आट्र्स कॉलेज के प्राचार्य का कहना, अधिग्रहण से पहले पुख्ता होना जरूरी

less than 1 minute read
Google source verification
Madhav Arts College Building transfer to college management

Madhav Arts College Building transfer to college management

उज्जैन.
तीन साल पहले से बन चुके भवन का आधिपत्य अब तक निर्माण एजेंसी के पास है, जबकि पिछले दो साल से इसमें माधव आट्र्स कॉलेज संचालित हो रहा है। निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग भवन आधिपत्य के लिए माधव कॉलेज के प्राचार्य को कई बार पत्र सौंप चुका है। जबकि प्राचार्य जेएल बरमैया का कहना है कि अधिग्रहण से पहले पुख्ता होना जरूरी है।
गौरतलब है कि अंकपात मार्ग पर रामजनार्दन मंदिर के सामने लोनिवि ने तीन साल पहले कालिदास गल्र्स कॉलेज के लिए भवन निर्माण किया था। एक साल कालिदास संचालन के बाद यह भवन माधव आट्र्स कॉलेज को सौंप दिया गया, लेकिन कागजों पर आधिपत्य अब भी निर्माण एजेंसी लोनिवि के ही पास है। कॉलेज प्राचार्य बरमैया का कहना है कि टेंडर के अलावा निर्माण एजेंसी ८२ लाख रुपए अतिरिक्त ले चुकी है, लेकिन काम पूरा नहीं हो सका। अधूरे निर्माण में यदि भवन अधिग्रहित कर लिया तो अधूरे निर्माण का खर्च मुझे वहन करना पड़ सकता है। लोनिवि को कई बाद ब्लू प्रिंट व डीपीआर उपलब्ध कराने के निए पत्र व्यवहार कर चुके हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है। भवन में निर्माण का स्तर भी ठीक नहीं है वहीं इलेक्ट्रिकल कार्य भी पूर्ण नहीं है। बरमैया का कहना है कि जब तक संतुष्ट ना हो जाएं, भवन का अधिपत्य नहीं ले सकते।

अलग से नहीं ली अधिक राशि
भवन निर्माण के लिए १० करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति मिली थी। टेंडर इससे ८.२१ प्रतिशत अधिक का था। इस लिहाज से १० करोड़ ८२ लाख १० हजार रुपए की राशि जारी हुई थी। अतिरिक्त राशि का कोई पेंच नहीं है। इलेक्ट्रिक कार्य अधूरा है तो वे हमारी उस शाखा से संपर्क करें। हमने अपनी ओर से सिविल वर्क पूरा कर दिया है।
-शरद त्रिपाठी, सब इंजीनियर, लोनिवि