
Mahakal ki sawari 2025 news model easy Darshan(फोटो सोर्स: पत्रिका/एक्स)
Mahakal Ki Sawari 2025: श्रावण मास की बाबा महाकाल की सवारी में श्रद्धालुओं की अपार श्रद्धा का सैलाब उमड़ता है। बुजुर्ग महिलाएं, दिव्यांग, नन्हे बच्चे ,पालकी के दर्शन नहीं कर पाते, जिससे हर शहरवासी और जिमेदार मन मसोसकर रह जाते हैं। पत्रिका ने दर्शनार्थियों की बाबा की सुलभ झलक पाने की गुहार को आवाज दी तो शहरवासी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। ऐसी ही अनूठी प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसे शैलेंद्र व्यास स्वामी मुस्कुराके ने दी है।
उन्होंने एक मॉडल बनाया और उसे साझा किया है। उनका कहना है, इतिहास गवाह है- परंपराएं तो प्रभु ने अपने भक्तों के लिए, उनकी सुविधाओं के लिए बदली है। पालकी की ऊंचाई में अभिवृद्धि हो, इसके लिए इंजीनियर एवं जानकारों के साथ एक मॉडल का रेखाचित्र महाकाल मंदिर प्रबंध समिति, कलेक्टर, मुख्यमंत्री, विधायक, महामडलेश्वर आदि को पूर्व में वर्ष 2016 से कई बार दिया जा चुका है। इस मॉडल को आंतरिक रूप से स्वीकार भी कर लिया गया है।
इस मॉडल के अंतर्गत न तो पालकी के स्वरूप में परिवर्तन होगा और न ही पंडित, पुजारी, कहारगण किसी भी प्रकार से प्रभावित हो रहे हैं। यथावत स्थिति में छोटे ट्राले पर पालकी पर विराजमान महाकालेश्वर का विग्रह स्वरूप व्यवस्थित ऊंचाई पर सभी के लिए सुलभ दर्शन के रूप में रहेगा। इससे भीड़ नियंत्रण भी होगा।
पुलिस प्रशासन का तनाव भी कम होगा। सुरक्षा की दृष्टि से भी यह मॉडल आम श्रद्धालुओं के लिए बेहतर होगा। उज्जैन में कोई बड़ा हादसा न हो, इसके लिए शीघ्र ही मॉडल बनाकर सवारी में प्रायोगिक तौर पर चलाया जाना चाहिए। जनता जनार्दन की सहमति होने पर आगामी सवारी में मॉडल को लागू किया जाना चाहिए।
इस मॉडल के अंतर्गत छोटे ट्रैक्टर को नंदी का स्वरूप देकर ट्राले को चलाया जा सकता है। ट्राला बहुत खूबसूरती से सजाया जा सकता है, जिसमें त्रिशूल, डमरू, बिलपत्र आदि द्वारा सुंदर रूप दिया जा सकता है। ट्राले के निचले भाग में आधुनिक जनरेटर हो, जिससे लाइट की व्यवस्था सुचारू चलती रहे।
साथ ही जीपीएस सिस्टम, जैमर और अति आधुनिक उपकरणों से युक्त यह सुलभ दर्शन चलित मंच के रूप में रहेगा, जिसके दोनों और पोर्टेबल सीढ़ियां रहेंगी, जिससे वीआईपी एवं श्रद्धालु पूजा एवं आरती के लिए आ सकेंगे। यह मॉडल खाती समाज के मंदिर की गली से भी आसानी से निकल सकेगा।
बाबा महाकाल की सवारी की ऊंचाई बढ़ाई जाए या नहीं, इस नंबर पर 8103843438 व्हाट्सऐप करें अपने विचार
बाबा महाकाल की सवारी में लाखों श्रद्धालु दर्शन करने सवारी मार्ग पर उपस्थित रहते हैं। सुलभ दर्शन के लिए पालकी की ऊंचाई के साथ साथ मूलभूत सुविधाएं जैसे शुद्ध पेयजल, शौचालय, पार्किंग एवं छायादार शेड की व्यवस्था करना चाहिए।
अर्पित गोयल अनंत, पूर्व अध्यक्ष- अग्रवाल नवयुवक मंडल
जिस प्रकार से सवारी में भीड़ का सैलाब उमड़ता जा रहा है, उसे देखते हुए स्वरूप में जरूर बदलाव होना चाहिए। क्योंकि जो लोग बड़ी देर से बाबा की एक झलक पाने घंटों खड़े रहते हैं, उन्हें बैरिकेड्स के पीछे से केवल पालकी के दर्शन ही होते हैं।
मोहनसिंह हिंगोले, योगाचार्य
Updated on:
24 Jun 2025 11:10 am
Published on:
24 Jun 2025 11:05 am
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