mahakal lok: झमाझम बारिश ने जहां मौसम खुशनुमा कर दिया, वहीं 12 घंटे में 3 इंच बारिश से गंभीर डैम के जलस्तर में इजाफा हुआ और शिप्रा (shipra river flood alert) भी पहली बार छोटे पुल को लांघ गई। (heavy rain)
mahakal lok: उज्जैन में झमाझम बारिश को देखकर शहरवासियों ने चैन की सांस ली, वहीं किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। लगातार हुई बारिश ने आम जनजीवन पर प्रभाव डाला। शहर में लोग जरूरी काम से ही बाहर निकले। कई बार रास्ते जाम हुए और कई क्षेत्रों में बारिश का पानी घुस गया।
नालियां उफन गई तो रास्ते पर चल रहे, वाहनों के पहिए थम गए, क्योंकि सड़कों पर नालियों और नालों का पानी फैल रहा। पैदल चलने वाले, दोपहिया और चौपहिया वाहनों को अपने वाहन निकालने में परेशानी हुई। सड़कों पर गड्ढों में पानी भरने से दुर्घटना हुई। लोग उन गड्ढों में वाहन सहित फिसले, महिलाओं-बच्चों को बारिश ने परेशान किया। (heavy rain)
बंगाल की खाड़ी से सक्रिय हुए मानसून ने उज्जैन में पहली बार जोरदार दस्तक दी। 12 घंटों में लगभग 3 इंच बारिश दर्ज की गई, जिससे शहर तरबतर हो गया। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी 43 घंटे और भारी वर्षा (heavy rain) की संभावना है। जीवाजी वैधशाला के अनुसार शनिवार को अधिकतम तापमान 26 व न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अब तक कुल बारिश 349 मिमी दर्ज की गई। इस सीजन में पहली बार शिप्रा नदी (shipra river flood alert) ने उफनता रूप दिखा और छोटा पुल लांघ गई। नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा, जिससे निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया। शहर का गौरव महाकाल लोक इस बार बारिश से अछूता नहीं रहा।
महाकाल लोक (mahakal lok) के चैंबर जाम होने के साथ अव्यवस्थाओं ने प्रतिष्ठा को दांव पर ला दिया। चैंबर से गंदा पानी आगे नहीं बहा और रिटर्न होकर बेगमबाम, गरीब नवाज बस्ती में घुसने के साथ महाकाल लोक नंदीद्वार तक पहुंच गया। 10 घंटे से ज्यादा लंबी कार्रवाई के बाद बारिश, नाले का पानी निकला और महाकाल लोक में जलभराव का खतरा टला।
महाकाल लोक में बारिश के पानी की निकासी लिए चैंबर बनाए हैं। शुक्रवार-शनिवार की बारिश से बेगमबाग के नाले का पानी चैंबर में जमा हो गया। निकासी नहीं होने से गंदा पानी रिटर्न होकर बस्तियों में भरना शुरु हो गया। रात 3 बजे से ही निगम की टीम ने पानी निकासी के लिए तैयारी शुरु की लेकिन चैंबर के मुंह छोटे होने से कार्रवाई में अड़चनें आईं। लंबी मशक्कत के बाद जेसीबी व कर्मचारियों के जरिए जब चैंबरों में से कचरा निकाला तब पानी को आगे बहने की जगह मिली और स्थिति नियंत्रण में आई। दोपहर 3 बजे तक क्षेत्र में सफाई चली।
पानी की निकासी के लिए चैंबर पर्याप्त आकार के बने हैं। स्क्रीनिंग चैंबर की भी नियमित सफाई होती है। नाले के पानी में आई गंदगी से निकासी प्रभावित हई थी। नालियों में पॉलीथिन आदि गंदगी को रोकने की कार्रवाई करेंगे। चैंबर में सीढियों लगाएंगे।- संदीप शिवा, निगम अपर आयुक्त और स्मार्ट सिटी कंपनी सीईओ
चैबर ओवरफ्लो को लेकर सुबह महापौर मुकेश टटवाल भी महाकाल लोक पहुंचे। यहां उन्होंने रात से सफाई में जुटे निगम के सफाई मित्र व अधिकारी-कर्मचारियों की प्रशंसा कर मनोबल बढ़ाया। उन्होंने निर्देश दिए कि महाकाल लोक में बने चैंबरों को बड़ा करें ताकि ताकि ठीक से सफाई हो और भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति ना हो। 12 घंटे चला सफाई कार्य बस्तियों में पानी जमा होने के चलते अपर आयुक्त पवनसिंह के निर्देश पर रात 3 बजे ही निगम की टीम मैदान में उतर गई थी।
शहर के केडी गेट, लोहे का पुल, गदा पुलिया, नई सड़क, एटलस चौराहा सहित कई इलाकों में जल जमाव की स्थिति बनी। कई जगहों पर वाहन बंद हो गए, वहीं दोपहिया वाहन चालक गड्ढों और बहते पानी में फंसे नजर आए। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के घरों में पानी घुस गया। बस्तियों में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को पानी से गुजरकर निकलना पड़ा। जिन क्षेत्रों में चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है, वहां लोगों ने बाल्टियों और पंपों से पानी निकाला।(heavy rain)