
महाकाल की नगरी में चलेंगे 250 ई-रिक्शा, सबसे सस्ता रहेगा किराया
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में आनेवाले श्रद्धालुओं के लिए एक अच्छी खबर है, यहां आनेवाले श्रद्धालुओं को अब ऑटो रिक्शा वालों की मनमानी का शिकार नहीं होना पड़ेगा, क्योंकि यहां जल्द ही 250 ई-रिक्शा चलाए जा रहे हैं, जिनका किराया भी पहले से निर्धारित होगा, अच्छी बात यह है कि ये रिक्शा प्रशासन के नियंत्रण में चलेंगे, इस कारण इनका किराया भी अन्य रिक्शों से कम ही रहेगा। इस नई व्यवस्था से रिक्शा चालकों द्वारा की जा रही खुली लूट से भी लोगों को निजात मिलेगी।
दरअसल महाकाल के दर्शन करने के लिए देशभर से मध्यप्रदेश के उज्जैन में श्रद्धालु आते हैं, चूंकि बाहर से आनेवाले लोगों को रेलवे स्टेशन या अन्य स्थान से महाकाल मंदिर की दूरी की जानकारी नहीं होती है, इस कारण उनसे ऑटो रिक्शा चालक मनमाने पैसे वसूल लेते हैं, बाद में जब उन्हें पता चलता है कि बहुत कम दूरी का उनसे बहुत अधिक पैसा वसूल लिया गया, तब वे इसकी शिकायत भी करते हैं। इस समस्या को दूर करने और यहां आनेवाले श्रद्धालुओं में उज्जैन के प्रति आस्था और विश्वास बढ़ाने के लिए ये सुविधा शुरू की जा रही है, जिसमें यात्रियों से निर्धारित किराया ही लिया जाएगा।
महाकाल मंदिर क्षेत्र में ई-रिक्शा संचालन के लिए उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड ने टेंडर जारी किया है। हाल ही में इसकी टेक्रिकल बिट भी खोली गई है। पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप) मोड पर चलने वाली व्यवस्था के लिए एक एजेंसी ने निविदा प्रस्तुत की है। संभवत: सोमवार को फाइनेंशियल बिट भी खोल दी जाएगी। यदि निविदा को मंजूरी मिलती है तो व्यस्था लागू होने के बाद कंपनी के ही ई-रिक्शा महाकाल मंदिर क्षेत्र में चलेंगे। अन्य ई-रिक्शाओं का मंदिर क्षेत्र में आना प्रतिबंधित रहेगा। ऐसा होने पर महाकाल मंदिर आने के लिए यात्रियों को ई-रिक्शा का मनमाना किराया चुकाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।
अभी मनमाना किराया, कोई रोकटोक नहीं
श्री महाकाल लोक निर्माण के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु शहर पहुंच रहे हैं। बाहरी लोगों से ऑटो व ई-रिक्शा चालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं। स्थिति यह हे कि रेलवे स्टेशन से महाकाल लोक तक के लिए 100 से 150 रुपए तक वसूल ले लिए जाते हैं जबकि निर्धारित दर से यह किराया काफी अधिक है। पर्व विशेष पर तो मांग और भी बढ़ जाती है। कई बार मुद्दा उठने के बावजूद इस मनमानी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
ऐसी रहेगी व्यवस्था
-ऑपरेटर कंपनी 250 ई-रिक्शा के साथ यह परिवहन सुविधा शुरू करेगी।
-ई-रिक्शा चलाने के रूट तय होंगे।
-8 स्थानों पर प्री-पेड बूथ रहेंगे। यहां यात्री निर्धारित किराए की राशि जमा कर टिकट ले सकेंगे।
-प्री-पेड बूथ से लिए टिकट के आधार पर यात्री संचालक एजेंसी के उपलब्ध ई-रिक्शा में बैठ गंतव्य पर पहुंच सकेंगे। उन्हें किराए के लिए चालक से मोलभाव करने की जरूरत नहीं होगी।
आरटीओ की दर से ही लेंगे किराया
शहर में ऑटो व ई-रिक्शा संचालन को लेकर आरटीओ द्वारा पहले से प्रति किलोमीटर की दर तय है। यहां तक कि ऑटो में मीटर सिस्टम भी अनिवार्य किया हुआ है लेकिन इनका पालन नहीं हो रहा है। निजी एजेंसी द्वारा ई-रिक्शा संचालन व्यवस्था लागू होने के बाद आरटीओ की निर्धारित दर से ही यात्रियों से किराया लिया जाएगा।
ई-रिक्शा चार्ज करने के लिए दो जगह चार्जिंग स्टेशन रहेंगे।
उज्जैन. महाकाल क्षेत्र में ऑटो या ई-रिक्शा की सवारी के नाम पर हो रही लूट पर जल्द लगाम लगेगी। क्षेत्र में ई-रिक्शा संचालन का पूरा जिम्मा निजी एजेंसी को दिया जाएगा जो स्थानीय प्रशासन के नियंत्रण में यात्री परिवहन सुविधा संचालित करेगी। इसमें रूट भी निर्धारित रहेंगे और इनका किराया भी पहले से तय रहेगा। शुरुआत 250 ई-रिक्शा से होगी।
पीपीपी मोड पर श्री महाकाल मंदिर क्षेत्र में निजी एजेंसी के माध्यम से ई-रिक्शा संचालन की योजना है। इसके लिए टेंडर जारी किया है जिसमें एक ऑपरेटर कंपनी द्वारा निविदा प्रस्तुत की गई है। जल्द ही फाइनेंशियल बिट खोली जाएगी। - विजय गोयल, एजीएम यूसीटीएसएल
Updated on:
30 Jul 2023 01:36 pm
Published on:
30 Jul 2023 01:34 pm
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