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महापौरजी! अपर आयुक्त नागर हमारे खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाएंगे तो आप क्या कार्रवाई करेंगे

एमआइसी व पार्षदों ने खोला मोर्चा, पौन घंटे तक चला आरोप-प्रत्यारोप

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Mayor! What action will you take if Additional Commissioner Nagar registers an FIR against us?

एमआइसी व पार्षदों ने खोला मोर्चा, पौन घंटे तक चला आरोप-प्रत्यारोप

उज्जैन. नगर निगम अपर आयुक्त आदित्य नागर को लेकर बुधवार को एमआइसी सदस्य व पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया। पार्षदों ने पहले निगम सभापति कलावती यादव और भाजपा नगर अध्यक्ष विवेक जोशी के सामने अपनी शिकायत दर्ज करवाई। बाद में महापौर मुकेश टटवाल से मिलकर अधिकारियों के व्यवहार को लेकर जमकर नाराजगी जताई। पार्षदों का कहना है कि अपर आयुक्त नागर हमारे खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाएंगे तो आप क्या कार्रवाई करेंगे। ऐसे अधिकारियों को तत्काल हटाया जाए।
जनप्रतिनिधियों, अफसरों में सामंजस्य पर सवाल
पार्षदों ने महापौर पर अधिकारियों को संरक्षण देने तक के आरोप लगा दिए। करीब पौन घंटे तक चले आरोप-प्रत्यारोप के बाद महापौर ने कुछ अधिकारी-कर्मचारियों को हटाने के निर्देश निगमायुक्त रौशन कुमार ङ्क्षसह को दिए। इस घटनाक्रम में नगर निगम में अधिकारियों और चुने जनप्रतिनिधियों के बीच सब कुछ ठीक नहीं होना सामने आया है।
टैंकर पर हुआ विवाद
अपर आयुक्त आदित्य नागर को लेकर उठे विवाद के पीछे पार्षद पति बालकृष्ण पटेल द्वारा पानी के टैंकर की चाबी निकालना है। दो दिन पहले एक पानी टैंकर को लेकर पटेल ने कर्मचारी ने चाबी ले ली थी। जबकि यह टैंकर अपर आयुक्त नागर ने अपने किसी परिचित के यहां भिजवाया था। अपर आयुक्त नागर ने चाबी निकालने पर कर्मचारियों से लिखित में शिकायत करने और एफआइआर दर्ज करने की बात कही थी। जानकारी पार्षद पति पटेल के पास पहुंची तो अन्य पार्षद व एमआइसी सदस्यों को बताई।
महापौर पर दबाव की राजनीति
पार्षदों के एक साथ महापौर टटवाल, निगम सभापति यादव व नगर अध्यक्ष जोशी तक अपनी शिकायत दर्ज कराने के पीछे दबाव की राजनीति भी बताया जा रहा है। ऐसा क्या हुआ कि महापौर के साथ निगम सभापति व जोशी तक शिकायत करना पड़ी जबकि महापौर लगातार सभी से मिल रहे हैं। सूत्रों की मानें तो एमआइसी सदस्यों की नई नियुक्ति की प्रक्रिया के चलते विवाद को बड़ा रूप दिया गया।
लगभग 18 पार्षद पहुंचे महापौर के पास
एमआइसी सदस्य शिवेंद्र तिवारी, डॉ. योगेश्वरी राठौर, रजत मेहता, घनश्याम गौड़, विजय कुशवाह, संग्रामङ्क्षसह भाटिया, जितेंद्र कुवाल, अनिल गुप्ता, कैलाश प्रजापत, सुरेंद्र मेहर, करण परमार, हेमंत गेहलोत, राजेश बाथम, सुनील चावंड, बाबूलाल वाघेला, बालकृष्ण पटेल, गोपाल बलवानी और गौरव सेंगर।
पार्षदों की आपत्तियां
अधिकारी पार्षदों की सुन नहीं रहे हैं। इनका व्यवहार ठीक नहीं है।
अपर आयुक्त नागर मनमानी करते हैं, अब कर्मचारियों को भड़काकर एफआइआर दर्ज करवाने की साजिश रच रहे हैं।
निगम पीआरओ सुनील जैन खबरों में नाम नहीं देते हैं। पार्षद पति के नाम तक नहीं लिखते हैं।
गैंगकर्मी मोनू थनवार किसी की सुनते नहीं। कुछ कहो तो कहते हैं कि अपर आयुक्त नागर ने पदस्थ किया है, उनसे बात करो।
कोई विवाद की स्थिति नहीं है। सभी छोटे-बड़े भाई हैं। कर्मचारियों के कारण गलतफहमी हुई थी, इसे ठीक कर लिया है।
- आदित्य नागर, अपर आयुक्त
जो भी शिकायत है, उसे हल करेंगे
पार्षदों के मान-सम्मान में कहीं कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। पार्षदों की जो समस्या -शिकायत है उसे दूर करने के निर्देश दिए है। गैंग प्रभारी मोनू थनवार व अन्य को हटाने के लिए निगमायुक्त को कहा है।
मुकेश टटवाल, महापौर